
इलाहाबाद हाईकोर्ट में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की कथित दोहरी नागरिकता को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने गृह मंत्रालय को निर्देश दिया कि वह इस मामले में अपनी अंतिम रिपोर्ट 10 दिनों के भीतर दाखिल करे। अब इस मामले की अगली सुनवाई 5 मई को होगी।
यह याचिका इस आधार पर दायर की गई है कि राहुल गांधी सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि यूके (ब्रिटेन) की भी नागरिकता रखते हैं। याचिकाकर्ता का कहना है कि भारत में दोहरी नागरिकता की अनुमति नहीं है, और अगर यह साबित हो जाता है कि राहुल गांधी किसी अन्य देश की नागरिकता रखते हैं, तो वे संसद के सदस्य बनने के अयोग्य हो सकते हैं।
गृह मंत्रालय के वकील ने कोर्ट से आग्रह किया कि यूके सरकार से आधिकारिक जानकारी आने में समय लग सकता है, इसलिए उन्हें कुछ और दिन दिए जाएं। कोर्ट ने इस पर सहमति जताते हुए 10 दिन का और समय दिया है।
राहुल गांधी ने की ‘रोहित वेमुला एक्ट’ लागू करने की अपील
इस बीच, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सामाजिक न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उन्होंने तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को पत्र लिखकर अनुरोध किया कि राज्य सरकारें ‘रोहित वेमुला एक्ट’ को लागू करें।
17 अप्रैल को लिखे गए इन पत्रों में राहुल गांधी ने डॉ. भीमराव अंबेडकर की एक घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि किस तरह उन्हें अछूत होने के कारण भोजन और पानी मिलने के बावजूद भूखा सोना पड़ा था। उन्होंने लिखा, “यह हमारे समाज की सच्चाई है, जिसे अब बदलने की जरूरत है।”
शिक्षा में जातीय भेदभाव पर जताई चिंता
राहुल गांधी ने यह भी कहा कि यह शर्मनाक है कि आज भी लाखों दलित, आदिवासी और ओबीसी छात्र-छात्राओं को हमारी शिक्षा व्यवस्था में जातीय भेदभाव का सामना करना पड़ता है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि रोहित वेमुला, पायल तड़वी और दर्शन सोलंकी जैसे होनहार युवा छात्रों की मौतें बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं हैं।
उन्होंने लिखा, “अब वक्त आ गया है कि इस भेदभाव को सख्ती से खत्म किया जाए। मैं कर्नाटक सरकार से भी अपील करता हूं कि रोहित वेमुला एक्ट को जल्द से जल्द लागू किया जाए, ताकि किसी भी बच्चे को वही दर्द न झेलना पड़े जो अंबेडकर जी, रोहित वेमुला और हजारों अन्य छात्रों ने सहा है।”
निष्कर्ष:
एक तरफ राहुल गांधी की दोहरी नागरिकता पर कोर्ट में गंभीर चर्चा हो रही है, वहीं दूसरी तरफ वह सामाजिक न्याय के मुद्दों पर खुलकर बोल रहे हैं। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि कोर्ट का अगला फैसला क्या होता है और क्या ‘रोहित वेमुला एक्ट’ को राज्यों में लागू किया जाएगा।