
भारत की अंतरिक्ष शक्ति अब सिर्फ चंद्रमा, मंगल या सूर्य से जुड़े मिशनों तक सीमित नहीं रही। अब यह देश की रणनीतिक सुरक्षा का भी अहम हिस्सा बन गई है। हाल ही में हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद इसरो ने एक चौंकाने वाला लेकिन गर्व से भर देने वाला खुलासा किया है। इसरो के मुताबिक, देश की सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए कम से कम 10 सैटेलाइट्स 24 घंटे निगरानी पर तैनात हैं।
क्या कहा इसरो प्रमुख ने?
इसरो के प्रमुख डॉ. वी. नारायणन ने मणिपुर के इंफाल में हुए एक दीक्षांत समारोह के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारत अब एक “सक्रिय अंतरिक्ष शक्ति” बन चुका है। उनका दावा है कि वर्ष 2040 तक भारत का खुद का स्पेस स्टेशन होगा।
डॉ. नारायणन ने बताया कि आज देश की सुरक्षा रणनीति अंतरिक्ष तक पहुंच चुकी है। हमारी सीमाओं से लेकर समुद्री तटों तक, भारतीय सैटेलाइट्स चौबीसों घंटे निगरानी कर रहे हैं, डेटा इकट्ठा कर रहे हैं और ज़रूरी चेतावनियां दे रहे हैं।
10 सैटेलाइट्स कर रहे हैं देश की रक्षा
देश की सीमाओं पर कोई हलचल हो, दुश्मनों की कोई गतिविधि हो या समुद्री इलाके में कोई खतरा—इन सभी पर नजर रखने का काम अब सैटेलाइट कर रहे हैं। ये सैटेलाइट्स वास्तविक समय में जानकारी देते हैं, जिससे हमारी सेनाएं समय पर फैसला ले सकें।
जमीन से आसमान तक सुरक्षा
भारत की करीब 7,000 किलोमीटर लंबी समुद्री सीमा और उत्तर भारत के संवेदनशील इलाके अब सिर्फ सुरक्षाबलों के भरोसे नहीं हैं। अब सैटेलाइट्स और ड्रोन टेक्नोलॉजी के ज़रिए इन पर लगातार नजर रखी जा रही है। यह तकनीक हमारी सुरक्षा को और मज़बूत बना रही है।
क्या था ऑपरेशन सिंदूर?
‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा तनाव के दौरान 6-7 मई की रात को अंजाम दिया गया था। इस दौरान भारत ने पीओके और पाकिस्तान में आतंकवादियों के ठिकानों पर मिसाइलों से हमला किया। इस ऑपरेशन की सफलता में सैटेलाइट्स ने अहम भूमिका निभाई। इसके बाद दोनों देशों के बीच संघर्ष को रोकने के लिए समझौता भी हुआ।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का रोल
भारत अब तक 433 विदेशी सैटेलाइट्स को सफलतापूर्वक लॉन्च कर चुका है। ये सैटेलाइट्स 34 अलग-अलग देशों के हैं। भारत अब एक आधुनिक अर्थ इमेजिंग सैटेलाइट भी अमेरिका के सहयोग से बना रहा है, जो जलवायु परिवर्तन और वायु प्रदूषण पर नज़र रखेगा। इसके अलावा G20 समिट के लिए भी एक खास सैटेलाइट तैयार किया जा रहा है।
भारत की स्पेस यात्रा: एक नज़र
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1975 में भारत का पहला सैटेलाइट लॉन्च हुआ था।
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अब तक 131 सैटेलाइट्स बनाए और लॉन्च किए जा चुके हैं।
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2040 तक भारत का खुद का स्पेस स्टेशन होगा।
युवाओं को संदेश
इसरो प्रमुख ने कार्यक्रम में मौजूद विद्यार्थियों से कहा कि, “आज आपको जो डिग्रियां मिली हैं, वे सिर्फ एक कागज़ नहीं बल्कि राष्ट्र निर्माण का टिकट हैं।” उन्होंने कहा कि 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने में आप सभी की अहम भूमिका होगी।
भारत अब केवल एक उभरती स्पेस शक्ति नहीं, बल्कि एक रणनीतिक और तकनीकी सुपरपावर बनने की ओर बढ़ रहा है। सैटेलाइट अब सिर्फ मौसम या संचार तक सीमित नहीं, बल्कि देश की सीमा सुरक्षा और रणनीति का हिस्सा बन चुके हैं। आने वाले समय में भारत का स्पेस मिशन और भी बुलंदियों को छुएगा और यह देश को और मज़बूत बनाएगा।