
विजिलेंस ब्यूरो की टीम ने भ्रष्टाचार के आरोपों में फंसे पंजाब के विधायक रमन अरोड़ा के करीबी महेश मखीजा उर्फ गग्गू को मंगलवार को अदालत में पेश किया। चार दिन के रिमांड की अवधि खत्म होने के बाद अदालत ने मखीजा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। हैरानी की बात यह रही कि इस बार विजिलेंस ने अदालत से रिमांड बढ़ाने की कोई मांग नहीं की।
गुपचुप तरीके से अदालत में पेशी
महेश मखीजा को पेश करने के दौरान विजिलेंस अधिकारी उसे अदालत परिसर के मुख्य गेट से चुपचाप अंदर ले गए। अदालत में पेश करने के बाद उसे पिछले रास्ते से जेल ले जाया गया, ताकि मीडिया और लोगों की भीड़ से बचा जा सके। मखीजा की गिरफ्तारी के बाद से यह मामला लगातार सुर्खियों में बना हुआ है।
मखीजा के खुलासे: बेनामी संपत्ति और रमन अरोड़ा की भागीदारी
विजिलेंस को पूछताछ के दौरान मखीजा ने कई अहम जानकारियां दी हैं। सूत्रों के अनुसार, मखीजा ने बेनामी संपत्तियों, छिपे हुए कारोबारों और विधायक रमन अरोड़ा की साझेदारी के बारे में बताया है। यही नहीं, कई संपत्तियां और निवेश रमन अरोड़ा के निर्देश पर मखीजा ने अपने सबसे करीबी रिश्तेदारों के नाम पर किए थे।
अब विजिलेंस मखीजा के इन रिश्तेदारों को भी पूछताछ के लिए नोटिस भेजने की तैयारी में है। जांच में यह भी सामने आया है कि रमन अरोड़ा का रिश्तेदार राजू मदान भी कई संपत्तियों में भागीदार है, जो इस समय फरार चल रहा है।
विधायक का बेटा और रिश्तेदार भी नामजद
इस पूरे मामले में विधायक रमन अरोड़ा का बेटा राजन अरोड़ा और रिश्तेदार राजू मदान भी नामजद हैं। पहले उनकी गिरफ्तारी की खबरें सामने आई थीं, लेकिन विजिलेंस ने अब तक उन्हें गिरफ्तार नहीं किया है। अब खबर है कि जल्द ही विजिलेंस राजू मदान को गिरफ्तार कर सकती है, क्योंकि उसके करीबी रिश्तेदारों पर दबाव बनाया जा रहा है ताकि वह आत्मसमर्पण कर दे।
पहले भी हो चुकी हैं गिरफ्तारियां
इस केस में पहले ATP सुखदेव वशिष्ठ, फिर नगर निगम की महिला इंजीनियर हरप्रीत कौर, और अब महेश मखीजा को गिरफ्तार किया जा चुका है। सभी गिरफ्तारियों के तार विधायक रमन अरोड़ा से जुड़े हुए हैं।
जांच जारी, और खुलासों की उम्मीद
विजिलेंस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि भ्रष्टाचार के इस मामले की जांच अभी जारी है, और जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, कई और नए खुलासे हो सकते हैं। अभी इस मामले में टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी, लेकिन जो जानकारी सामने आ रही है, वह इस केस को बेहद गंभीर बनाती है।
यह मामला पंजाब की राजनीति में भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग का एक बड़ा उदाहरण बनकर उभरा है। जनता की नजरें अब इस पर टिकी हैं कि आने वाले दिनों में और किन लोगों पर कार्रवाई होती है।