
किसानों के प्रदर्शन को रोकने के लिए चंडीगढ़ पुलिस ने पुख्ता इंतजाम किए हैं। किसानों को राजधानी चंडीगढ़ में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। इसके लिए 12 प्रमुख रूटों को डाइवर्ट कर दिया गया है और 2500 पुलिस जवानों को तैनात किया गया है।
चंडीगढ़ की सीमाओं पर कड़ी सुरक्षा
बुधवार सुबह से ही चंडीगढ़ में आने वाले सभी प्रवेश द्वारों पर बैरिकेड लगा दिए गए हैं और पुलिस की भारी तैनाती की गई है। डीएसपी और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी खुद हर चेक पोस्ट पर मौजूद हैं और वाहनों की सख्ती से जांच की जा रही है।
इससे पहले, किसान नेता जोगिंदर सिंह उग्रहां ने 5 मार्च को चंडीगढ़ में प्रदर्शन करने का ऐलान किया था। इसके बाद पंजाब पुलिस ने कई किसान नेताओं को उनके घरों में नजरबंद कर दिया या रात में हिरासत में ले लिया।
पुलिस की तैयारियां पूरी, किसी भी हाल में किसानों को रोकने का प्लान
चंडीगढ़ के डीजीपी सुरेंद्र सिंह यादव खुद पल-पल की रिपोर्ट ले रहे हैं और सुरक्षा का जायजा ले रहे हैं। एसएसपी कंवरदीप कौर भी सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी कर रही हैं।
चंडीगढ़ पुलिस ने साफ कर दिया है कि अगर किसान जबरदस्ती राजधानी में प्रवेश करने की कोशिश करते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पहला लक्ष्य किसानों को चंडीगढ़ में घुसने से रोकना है।
किसानों ने भी जवाबी चेतावनी दी है कि वे ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के साथ चंडीगढ़ में घुसेंगे। इसी वजह से चंडीगढ़ पुलिस ने पंजाब से लगने वाली सीमाओं पर सुरक्षा और कड़ी कर दी है।
संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) का विरोध प्रदर्शन
संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने पंजाब सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। किसानों ने ऐलान किया है कि वे 5 मार्च से चंडीगढ़ के सेक्टर-34 में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठेंगे।
दूसरी ओर, चंडीगढ़ और पंजाब पुलिस किसानों को रोकने के लिए पूरी ताकत लगा रही है। किसान भी डटे रहने का मन बना चुके हैं और हर हाल में मोहाली के रास्ते चंडीगढ़ में घुसने की योजना बना रहे हैं।
क्या हो सकता है आगे?
- अगर किसान जबरदस्ती चंडीगढ़ में घुसने की कोशिश करते हैं, तो पुलिस कार्रवाई कर सकती है।
- किसानों और पुलिस के बीच तनाव बढ़ सकता है।
- ट्रैफिक प्रभावित हो सकता है, जिससे आम जनता को परेशानी हो सकती है।
- अगर पुलिस किसानों को रोकने में सफल नहीं होती, तो विरोध प्रदर्शन और तेज हो सकता है।
किसानों और पुलिस के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई है। एक तरफ पुलिस पूरी ताकत से चंडीगढ़ की सुरक्षा कर रही है, तो दूसरी ओर किसान हर हाल में प्रदर्शन करने पर अड़े हुए हैं। आने वाले दिनों में यह प्रदर्शन और बड़ा रूप ले सकता है।