दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 का कार्यक्रम घोषित कर दिया गया है। मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी कि दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा के लिए 5 फरवरी 2025 को एक ही चरण में मतदान होगा। चुनाव नतीजे 8 फरवरी 2025 को घोषित किए जाएंगे। इस बार कुल 1,55,24,858 मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करने के योग्य हैं, जिनमें 83.49 लाख पुरुष और 71.73 लाख महिला मतदाता शामिल हैं। चुनाव के लिए 13,033 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं।
तीसरी बार सत्ता में वापसी की कोशिश में आम आदमी पार्टी
दिल्ली की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में लगातार तीसरी बार जीत दर्ज करने के लिए पूरी ताकत झोंक रही है। हालांकि, पार्टी भ्रष्टाचार के आरोपों और शराब घोटाले जैसी चुनौतियों का सामना कर रही है। अरविंद केजरीवाल इस बार भी नई दिल्ली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे, जहां उनका मुकाबला बीजेपी के प्रवेश वर्मा और कांग्रेस के संदीप दीक्षित से होगा।
आप ने चुनावी प्रचार के लिए अपना कैंपेन सॉन्ग ‘फिर लाएंगे केजरीवाल’ लॉन्च किया है। यह गाना बिजली, पानी सब्सिडी और पार्टी की अन्य योजनाओं को उजागर करता है। इसके अलावा, पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में 18 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को हर महीने ₹2,100 और वरिष्ठ नागरिकों के लिए सरकारी व निजी अस्पतालों में मुफ्त इलाज का वादा किया है।
भाजपा की रणनीति और प्रमुख मुद्दे
दिल्ली में सत्ता परिवर्तन का लक्ष्य लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ‘AAP-दा नहीं सहेंगे, बदल कर रहेंगे’ नारा दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभाओं में अरविंद केजरीवाल को ‘आपदा’ कहकर संबोधित करने वाले बयान को ही पार्टी ने अपने प्रचार अभियान का हिस्सा बनाया है। भाजपा ने अरविंद केजरीवाल के मुख्यमंत्री कार्यकाल में सीएम हाउस की विलासिता, शराब घोटाले, यमुना नदी और दिल्ली के वायु प्रदूषण को प्रमुख मुद्दा बनाया है।
भाजपा ने अभी तक 29 सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान किया है। कालकाजी सीट से मुख्यमंत्री आतिशी के खिलाफ रमेश बिधूड़ी को उम्मीदवार बनाया गया है, जबकि कांग्रेस की ओर से अलका लांबा इस सीट से चुनाव लड़ रही हैं। भाजपा का चुनाव प्रचार पूरी तरह अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व पर सवाल उठाने और ‘आप की विफलताओं’ को उजागर करने पर केंद्रित है।
कांग्रेस अकेले लड़ेगी चुनाव
कांग्रेस ने इस बार अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है। पार्टी ने अब तक 48 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। कांग्रेस 2024 के लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ी थी, लेकिन इस बार उसने अकेले मैदान में उतरने का फैसला किया। कांग्रेस का प्रचार अभियान महंगाई, बेरोजगारी और दिल्ली में विकास के रुके हुए कार्यों को लेकर केंद्र और राज्य सरकार दोनों पर हमला बोलने पर केंद्रित है।
नई दिल्ली सीट से कांग्रेस ने संदीप दीक्षित को मैदान में उतारा है, जबकि कालकाजी से अलका लांबा पार्टी की उम्मीदवार हैं। पार्टी ने महिला सुरक्षा, रोजगार और सार्वजनिक सेवाओं में सुधार को अपने मुख्य एजेंडे में रखा है।
दिल्ली चुनाव का बदलता परिदृश्य
दिल्ली का चुनावी मैदान इस बार भी त्रिकोणीय मुकाबले का गवाह बनेगा। आम आदमी पार्टी अपनी सत्ता बचाने की कोशिश कर रही है, भाजपा सत्ता परिवर्तन के लिए जोर-शोर से जुटी है, और कांग्रेस अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने के लिए मेहनत कर रही है।
आम आदमी पार्टी के बिजली-पानी सब्सिडी और महिलाओं के लिए आर्थिक मदद जैसे वादे मतदाताओं को आकर्षित करने का प्रयास कर रहे हैं, वहीं भाजपा भ्रष्टाचार के मुद्दे और प्रदूषण जैसे विषयों पर आप सरकार को घेरने की रणनीति पर काम कर रही है। कांग्रेस भी अपनी सामाजिक कल्याण योजनाओं और महंगाई के मुद्दे पर जनता का ध्यान खींचने की कोशिश कर रही है।
चुनावी तैयारियां और सुरक्षा व्यवस्था
चुनाव आयोग ने चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए व्यापक तैयारियां की हैं। बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं के लिए विशेष सुविधाएं दी जाएंगी। 85 वर्ष से अधिक आयु के मतदाता घर से वोट डाल सकेंगे। इसके अलावा, चुनाव को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाएंगे।
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के परिणाम यह तय करेंगे कि क्या आम आदमी पार्टी तीसरी बार सत्ता में वापसी कर पाएगी, या भाजपा और कांग्रेस में से कोई एक पार्टी सत्ता परिवर्तन में सफल होगी। सभी राजनीतिक दलों ने अपनी रणनीतियां बना ली हैं और अब यह देखना दिलचस्प होगा कि दिल्ली की जनता किसे अपना अगला नेता चुनती है।