
पंजाब सरकार की ‘नशे के खिलाफ जंग’ मुहिम को रामपुरा फूल विधानसभा क्षेत्र में जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। यहां की 19 पंचायतों ने एकजुट होकर यह बड़ा फैसला किया है कि उनके गांवों में कोई भी व्यक्ति नशा (चिट्टा) नहीं करेगा और न ही बेचेंगे। इस विषय में पंचायतों ने मत पास कर इस प्रतिबद्धता को पूरी तरह से सार्वजनिक किया है।
19 पंचायतों का प्रस्ताव
इस बात की जानकारी विधानसभा क्षेत्र के विधायक बलकार सिंह सिद्धू ने मीडिया से बातचीत में दी। उन्होंने बताया कि कुल 54 पंचायतों में से 19 पंचायतों ने यह प्रस्ताव रखा है। इन गांवों में मल्लुआणा, हिम्मतपुरा, टल्लावाली, पिपली, गुरुसर मेहराज, कोठा रठड़ियां, मेहराज खुर्द, कालेबाड़ा, भैरूपा खुर्द, कोठा सुखा नंदा, नवां केसरी सिंह, बुरज थरोड़, कोठा गुरु खुर्द, गुरदित सिंह वाला, गौसपुरा, गुरुसर जलाल, भियाना, संधू खुर्द और कालोके शामिल हैं।
सुरक्षा के लिए कैमरों की व्यवस्था
विधायक सिद्धू ने बताया कि रामपुरा शहर में कई महत्वपूर्ण जगहों पर 50 उच्च गुणवत्ता वाले कैमरे लगाए गए हैं, ताकि नशे की तस्करी और इस्तेमाल पर कड़ी नजर रखी जा सके। इन कैमरों से पुलिस को अपराध रोकने में मदद मिलेगी।
नशा मुक्ति की दिशा में प्रयास
उन्होंने यह भी बताया कि नशा मुक्ति अभियान के चलते कई युवा नशा छोड़ रहे हैं। नशा छोड़ने वाले युवाओं को अलग-अलग नशा मुक्ति केंद्रों में भर्ती कराया जा रहा है ताकि वे इस बुरी लत से पूरी तरह बाहर आ सकें। इसके अलावा पंचायतों और युवाओं की मांग पर खेल के मैदान और जिम जैसी सुविधाएं भी गांवों में उपलब्ध कराई जा रही हैं, ताकि युवा स्वस्थ और सक्रिय रह सकें।
पुलिस की सक्रियता
एसएचओ सिटी रामपुरा, बूटा सिंह ने बताया कि पिछले साल इस क्षेत्र में कुल 99 मामले दर्ज किए गए और 171 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि पुलिस ने बड़ी मात्रा में नशा बरामद किया है जिसमें 1 किलो 349 ग्राम 89 मिलीग्राम हेरोइन, 13,033 गोलियां, 115.29 किलो अफीम, 3,570 कैप्सूल, 1.5 किलो गांजा, 6 ग्राम स्मैक और 5 किलो हरी अफीम शामिल हैं।
समाज के नेताओं का समर्थन
इस मौके पर मार्कीट कमेटी रामपुरा फूल के चेयरमैन दर्शन् सिंह सोही, आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और कई पंचायत सरपंच मौजूद थे। सभी ने इस मुहिम का समर्थन किया और नशे के खिलाफ समाज को जागरूक करने का संकल्प लिया।
यह पहल रामपुरा फूल विधानसभा क्षेत्र में नशे की समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। पंचायतों की यह एकजुटता और सरकार की सक्रियता निश्चित रूप से इस क्षेत्र को नशामुक्त बनाने में मददगार साबित होगी।