22 December 2024

Month: October 2024

जैसे-जैसे कश्मीर घाटी में ठंड का असर बढ़ रहा है, तापमान में लगातार गिरावट के कारण छात्रों और स्कूल स्टाफ की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए सरकारी स्कूलों का समय बदल दिया गया है। अब 1 नवंबर 2024 से सरकारी स्कूल सुबह 10 बजे खुलेंगे और दोपहर 3 बजे तक चलेंगे। यह बदलाव ठंड के मौसम में बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य की प्राथमिकताओं को देखते हुए किया गया है। कश्मीर डिवीजन के लिए स्कूल शिक्षा निदेशालय (डीएसईके) ने सोमवार को जारी एक आदेश में इस नए समय-सारणी की घोषणा की। श्रीनगर जिले की म्यूनिसिपल सीमा के बाहर स्थित स्कूलों का समय सुबह 10:30 बजे से लेकर दोपहर 3:30 बजे तक होगा, जबकि श्रीनगर म्यूनिसिपल कारपोरेशन की सीमा के अंदर आने वाले स्कूलों के लिए समय सुबह 10 बजे से लेकर दोपहर 3 बजे तक निर्धारित किया गया है। छात्रों और स्टाफ की सुरक्षा के मद्देनजर फैसला यह फैसला इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि सर्दियों के मौसम में सुबह का तापमान बहुत कम हो जाता है, जिससे ठंड का असर बढ़ जाता है। ऐसे में बच्चों का जल्दी स्कूल आना उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। पिछले वर्षों के अनुभवों के आधार पर यह देखा गया है कि इस प्रकार के समय बदलाव से बच्चों और शिक्षकों को राहत मिलती है और उनके स्वास्थ्य की सुरक्षा भी होती है। डीएसईके ने सभी संबंधित अधिकारियों को आदेश दिया है कि वे इस नए समय-सारणी का पालन सुनिश्चित करें और इसे सुचारु रूप से लागू करें। यह समय बदलाव न केवल बच्चों की सहूलियत के लिए है बल्कि उनके परिवारों को भी इस बात का संतोष देगा कि बच्चे ठंड में सुरक्षित हैं। गिरते तापमान के चलते देरी की आवश्यकता कश्मीर के कई इलाकों में तापमान में तेजी से गिरावट दर्ज की जा रही है, जो न केवल स्कूल के छात्रों बल्कि उनके अभिभावकों के लिए भी चिंता का कारण बन रहा है। नवंबर की शुरुआत में तापमान और भी कम हो सकता है, जिससे सुबह-सुबह ठंड का असर और बढ़ सकता है। ठंड के इस प्रभाव को ध्यान में रखते हुए, स्कूलों का नया समय तय किया गया है ताकि बच्चों को सुबह की ठंड से राहत मिल सके और वे अपनी पढ़ाई पर बेहतर तरीके से ध्यान केंद्रित कर सकें। अभिभावकों और स्कूल प्रशासन के लिए दिशा-निर्देश नए समय-सारणी के लागू होने के साथ ही, स्कूल प्रशासन और अभिभावकों को सुझाव दिया गया है कि वे बच्चों के स्कूल पहुंचने और वापस आने के समय का ध्यान रखें। स्कूलों को अपने सुरक्षा उपायों में बदलाव करने की सलाह दी गई है, जिससे बच्चों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। बच्चों को गर्म कपड़ों में स्कूल भेजना, उनके लिए सुरक्षित और गर्म वातावरण तैयार करना आदि आवश्यक कदम भी इस ठंड के मौसम में महत्वपूर्ण हो जाते हैं। छात्रों के लिए लाभदायक बदलाव ठंड के मौसम में इस समय-सारणी का लाभ यह होगा कि बच्चों को सुबह की ठंड में स्कूल जाने की चिंता नहीं रहेगी और वे समय पर स्कूल पहुंच सकेंगे। सुबह देर से स्कूल जाने से बच्चों को पर्याप्त नींद भी मिलेगी जो उनके स्वास्थ्य और पढ़ाई दोनों के लिए अच्छी है। इसके अलावा, इस समय-सारणी के तहत बच्चों को ज्यादा देर तक ठंड में बाहर नहीं रहना पड़ेगा, जो उनके स्वास्थ्य की सुरक्षा में सहायक साबित होगा। अगले कुछ महीनों में तापमान में और गिरावट की संभावना कश्मीर घाटी में नवंबर से फरवरी के बीच ठंड का असर अधिक होता है, और यहां का तापमान कई बार शून्य से नीचे चला जाता है। ऐसे में बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर सतर्कता आवश्यक है। हर वर्ष ठंड के मौसम में स्कूलों के समय में बदलाव होता है ताकि बच्चों को ठंड से राहत मिल सके। सरकार का यह कदम स्थानीय समुदाय में सकारात्मक रूप में देखा जा रहा है। माता-पिता और अध्यापक इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं और इसे बच्चों की भलाई के लिए एक महत्वपूर्ण कदम मान रहे हैं। kashmir winterr

जैसे-जैसे कश्मीर घाटी में ठंड का असर बढ़ रहा है, तापमान में लगातार गिरावट के कारण छात्रों और स्कूल स्टाफ की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए सरकारी स्कूलों का समय बदल दिया गया है। अब 1 नवंबर 2024 से सरकारी स्कूल सुबह 10 बजे खुलेंगे और दोपहर 3 बजे तक चलेंगे। यह बदलाव ठंड के मौसम में बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य की प्राथमिकताओं को देखते हुए किया गया है। कश्मीर डिवीजन के लिए स्कूल शिक्षा निदेशालय (डीएसईके) ने सोमवार को जारी एक आदेश में इस नए समय-सारणी की घोषणा की। श्रीनगर जिले की म्यूनिसिपल सीमा के बाहर स्थित स्कूलों का समय सुबह 10:30 बजे से लेकर दोपहर 3:30 बजे तक होगा, जबकि श्रीनगर म्यूनिसिपल कारपोरेशन की सीमा के अंदर आने वाले स्कूलों के लिए समय सुबह 10 बजे से लेकर दोपहर 3 बजे तक निर्धारित किया गया है। छात्रों और स्टाफ की सुरक्षा के मद्देनजर फैसला यह फैसला इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि सर्दियों के मौसम में सुबह का तापमान बहुत कम हो जाता है, जिससे ठंड का असर बढ़ जाता है। ऐसे में बच्चों का जल्दी स्कूल आना उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। पिछले वर्षों के अनुभवों के आधार पर यह देखा गया है कि इस प्रकार के समय बदलाव से बच्चों और शिक्षकों को राहत मिलती है और उनके स्वास्थ्य की सुरक्षा भी होती है। डीएसईके ने सभी संबंधित अधिकारियों को आदेश दिया है कि वे इस नए समय-सारणी का पालन सुनिश्चित करें और इसे सुचारु रूप से लागू करें। यह समय बदलाव न केवल बच्चों की सहूलियत के लिए है बल्कि उनके परिवारों को भी इस बात का संतोष देगा कि बच्चे ठंड में सुरक्षित हैं। गिरते तापमान के चलते देरी की आवश्यकता कश्मीर के कई इलाकों में तापमान में तेजी से गिरावट दर्ज की जा रही है, जो न केवल स्कूल के छात्रों बल्कि उनके अभिभावकों के लिए भी चिंता का कारण बन रहा है। नवंबर की शुरुआत में तापमान और भी कम हो सकता है, जिससे सुबह-सुबह ठंड का असर और बढ़ सकता है। ठंड के इस प्रभाव को ध्यान में रखते हुए, स्कूलों का नया समय तय किया गया है ताकि बच्चों को सुबह की ठंड से राहत मिल सके और वे अपनी पढ़ाई पर बेहतर तरीके से ध्यान केंद्रित कर सकें। अभिभावकों और स्कूल प्रशासन के लिए दिशा-निर्देश नए समय-सारणी के लागू होने के साथ ही, स्कूल प्रशासन और अभिभावकों को सुझाव दिया गया है कि वे बच्चों के स्कूल पहुंचने और वापस आने के समय का ध्यान रखें। स्कूलों को अपने सुरक्षा उपायों में बदलाव करने की सलाह दी गई है, जिससे बच्चों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। बच्चों को गर्म कपड़ों में स्कूल भेजना, उनके लिए सुरक्षित और गर्म वातावरण तैयार करना आदि आवश्यक कदम भी इस ठंड के मौसम में महत्वपूर्ण हो जाते हैं। छात्रों के लिए लाभदायक बदलाव ठंड के मौसम में इस समय-सारणी का लाभ यह होगा कि बच्चों को सुबह की ठंड में स्कूल जाने की चिंता नहीं रहेगी और वे समय पर स्कूल पहुंच सकेंगे। सुबह देर से स्कूल जाने से बच्चों को पर्याप्त नींद भी मिलेगी जो उनके स्वास्थ्य और पढ़ाई दोनों के लिए अच्छी है। इसके अलावा, इस समय-सारणी के तहत बच्चों को ज्यादा देर तक ठंड में बाहर नहीं रहना पड़ेगा, जो उनके स्वास्थ्य की सुरक्षा में सहायक साबित होगा। अगले कुछ महीनों में तापमान में और गिरावट की संभावना कश्मीर घाटी में नवंबर से फरवरी के बीच ठंड का असर अधिक होता है, और यहां का तापमान कई बार शून्य से नीचे चला जाता है। ऐसे में बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर सतर्कता आवश्यक है। हर वर्ष ठंड के मौसम में स्कूलों के समय में बदलाव होता है ताकि बच्चों को ठंड से राहत मिल सके। सरकार का यह कदम स्थानीय समुदाय में सकारात्मक रूप में देखा जा रहा है। माता-पिता और अध्यापक इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं और इसे बच्चों की भलाई के लिए एक महत्वपूर्ण कदम मान रहे हैं।

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