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पंजाब के पशुपालन, डेयरी विकास और मत्स्य पालन मंत्री सरदार गुरमीत सिंह खुदीयां ने बुधवार को विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि 21वीं पशुधन जनगणना (Livestock Census) फरवरी 2025 तक पूरी कर ली जाए। यह जनगणना पंजाब के सभी जिलों में की जा रही है, जिसमें पशुओं की कुल संख्या, उनकी नस्लें और अन्य विशेषताएं दर्ज की जा रही हैं।
पशुधन जनगणना क्यों जरूरी है?
मंत्री ने बताया कि यह सर्वेक्षण बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे पंजाब में पशुधन की वर्तमान स्थिति का सही आकलन होगा। इस डेटा के आधार पर भविष्य की योजनाएं बनाई जाएंगी और पशुपालन क्षेत्र में टिकाऊ (sustainable) नीतियां लागू की जा सकेंगी। इससे सरकार को सही निर्णय लेने में भी मदद मिलेगी, जिससे किसानों और पशुपालकों को लाभ मिलेगा।
लंपी स्किन रोग (LSD) के खिलाफ टीकाकरण अभियान
बैठक में मंत्री ने यह भी घोषणा की कि पंजाब में अगले सप्ताह से लंपी स्किन डिजीज (LSD) के खिलाफ बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान (Mass Immunisation Drive) शुरू किया जाएगा। यह बीमारी गायों और भैंसों में होती है और यह जानलेवा भी हो सकती है।
सरकार ने इस बीमारी से बचाव के लिए 25 लाख पशुओं के लिए पर्याप्त संख्या में ‘गोट पॉक्स’ वैक्सीन खरीदी है। इससे पंजाब के पशुओं को इस बीमारी से बचाया जा सकेगा।
पशु अस्पतालों में नई सेवाएं शुरू होंगी
मंत्री ने बताया कि पंजाब के छह जिलों—पटियाला, अमृतसर, श्री मुक्तसर साहिब, संगरूर, गुरदासपुर और लुधियाना में आधुनिक सुविधाओं वाले वेटरनरी पॉलीक्लिनिक (Veterinary Polyclinics) खोले जाएंगे। इन अस्पतालों में पालतू जानवरों और अन्य पशुओं के लिए इलाज, सर्जरी, पोस्ट-ऑपरेटिव केयर, लैब टेस्ट, एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड जैसी सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
इसके अलावा, मंत्री ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि वे उन किसानों की सफलता की कहानियां इकट्ठी करें, जिन्हें पशुपालन विभाग की सेवाओं से लाभ मिला है। इससे दूसरे किसान भी प्रेरित होंगे और आधुनिक पशुपालन अपनाकर अपनी आय बढ़ा सकेंगे।
डिजिटल तरीके से हो रही है जनगणना
बैठक में पशुपालन विभाग के प्रधान सचिव राहुल भंडारी ने बताया कि इस बार जनगणना डिजिटल तरीके से की जा रही है। इसके लिए मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग किया जा रहा है, जिससे डेटा तुरंत ऑनलाइन अपलोड हो रहा है।
उन्होंने बताया कि इस जनगणना में 16 अलग-अलग प्रजातियों के जानवरों और पोल्ट्री (मुर्गीपालन) को शामिल किया गया है।
अब तक 35.36 लाख घरों का सर्वेक्षण पूरा हो चुका है, जबकि कुल 64.78 लाख घरों को कवर करने का लक्ष्य रखा गया है। पिछली पशुधन जनगणना में 45.51 लाख घरों का डेटा एकत्र किया गया था, जिसका मतलब है कि इस बार ज्यादा विस्तृत और सटीक जानकारी इकट्ठा की जा रही है।
महिला पशुपालकों की भूमिका पर भी ध्यान
राहुल भंडारी ने यह भी बताया कि इस बार पहली बार पंजाब में पशुपालन क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इससे पता चलेगा कि महिलाएं इस क्षेत्र में किस तरह योगदान दे रही हैं और उनके लिए कौन-कौन से अवसर उपलब्ध हो सकते हैं।
सरकार का लक्ष्य – पशुधन और किसानों की सुरक्षा
बैठक में पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. जी.एस. बेदी ने आश्वासन दिया कि पशुधन जनगणना तय समय पर पूरी कर ली जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि विभाग जानवरों के इलाज और उन्हें बीमारियों से बचाने के लिए टीकाकरण जैसी सभी जरूरी कदम उठा रहा है।
इस बैठक में पंजाब के सभी जिलों के पशुपालन विभाग के अधिकारी और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
पंजाब सरकार पशुपालन क्षेत्र को मजबूत करने और किसानों की मदद करने के लिए बड़े कदम उठा रही है। 21वीं पशुधन जनगणना से सरकार को पशुपालन क्षेत्र की पूरी जानकारी मिलेगी, जिससे नई योजनाओं और नीतियों को सही तरीके से लागू किया जा सकेगा। इसके अलावा, लंपी स्किन डिजीज के खिलाफ वैक्सीन, आधुनिक पशु अस्पताल और महिलाओं की भागीदारी जैसे महत्वपूर्ण कदम इस क्षेत्र को और विकसित करेंगे।
इससे पंजाब के किसान और पशुपालक नई तकनीकों को अपनाकर अपनी आय बढ़ा सकेंगे और राज्य की अर्थव्यवस्था में योगदान दे सकेंगे।