
आज यानी 3 जून 2025 को भारतीय शेयर बाजार में कमजोरी का माहौल देखा गया। दिन की शुरुआत में बाजार तेज़ी के साथ खुला था और सेंसेक्स 300 अंकों से ऊपर कारोबार कर रहा था, लेकिन दिन के अंत में बिकवाली के चलते बाजार में गिरावट आ गई।
सेंसेक्स और निफ्टी की चाल
आज का दिन सेंसेक्स के लिए कुछ खास नहीं रहा। यह 636.24 अंक यानी 0.78% की गिरावट के साथ 80,737.51 पर बंद हुआ। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से केवल महिंद्रा एंड महिंद्रा का स्टॉक हरे निशान में रहा, जबकि बाकी सभी 29 स्टॉक्स लाल निशान में बंद हुए।
वहीं, निफ्टी भी कमजोर हुआ और 74.10 अंक यानी 0.70% की गिरावट के साथ 24,542.50 पर बंद हुआ।
सेक्टर पर नज़र
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NSE निफ्टी प्राइवेट बैंक इंडेक्स में 0.50% की गिरावट देखी गई।
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वहीं, मेटल इंडेक्स ने 0.50% की बढ़त दर्ज की।
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रियल्टी इंडेक्स भी 0.40% ऊपर रहा।
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ऑटो, आईटी और तेल-गैस सेक्टर में हल्की बढ़त देखी गई।
ग्लोबल बाजारों की स्थिति
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एशियाई बाजारों में आज अच्छा प्रदर्शन रहा। जापान का निक्केई 225, दक्षिण कोरिया का कोस्पी, चीन का शंघाई कंपोजिट, और हांगकांग का हैंगसेंग सभी हरे निशान में बंद हुए।
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अमेरिकी बाजार भी सोमवार को सकारात्मक रुख के साथ बंद हुए।
कच्चे तेल की कीमतें
अंतरराष्ट्रीय ब्रेंट क्रूड की कीमत में 0.57% की बढ़त आई और यह 65 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गया।
विदेशी निवेशकों की भूमिका
विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने आज भारी बिकवाली की और लगभग 2,589 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। इससे भी बाजार पर दबाव बना।
F&O बैन लिस्ट
आज मणप्पुरम फाइनेंस को NSE की F&O प्रतिबंध सूची में शामिल किया गया है। जब किसी स्टॉक में डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग की सीमा 95% से अधिक हो जाती है, तो उसे इस सूची में डाल दिया जाता है।
पिछला कारोबारी दिन
2 जून को भी बाजार गिरावट के साथ बंद हुआ था।
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सेंसेक्स 77 अंक टूटकर 81,373 पर
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निफ्टी 34 अंक गिरकर 24,716 पर बंद हुआ था।
उस दिन बैंकिंग, ऑटो और आईटी शेयरों में गिरावट रही, जबकि एफएमसीजी और एनर्जी सेक्टर ने थोड़ी मजबूती दिखाई।
आगे क्या?
अब निवेशकों की नजरें 4 जून को शुरू होने वाली RBI की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक पर टिकी हैं। इसका निर्णय 6 जून को आएगा, जो बाजार की अगली दिशा तय कर सकता है।आज बाजार में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला। विदेशी निवेशकों की बिकवाली और सेक्टोरल दबाव ने बाजार को कमजोर किया। आने वाले दिनों में आरबीआई की नीति और ग्लोबल संकेत बाजार की चाल को तय करेंगे।