
अगर आप एंड्रॉयड यूजर हैं और गूगल प्ले स्टोर से ऐप डाउनलोड करते हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद ज़रूरी है। साइबर सिक्योरिटी कंपनी बिटडिफेंडर (Bitdefender) ने हाल ही में गूगल प्ले स्टोर पर 331 खतरनाक ऐप्स का पता लगाया है, जिनका मकसद यूज़र्स की निजी जानकारी चुराना और विज्ञापन धोखाधड़ी करना था। इन ऐप्स को साइबर अपराधियों ने एक बड़ी धोखाधड़ी मुहिम “वैपर ऑपरेशन” के तहत तैयार किया था। इन खतरनाक ऐप्स ने एंड्रॉयड 13 की सुरक्षा को भी बायपास कर लिया और 60 मिलियन (6 करोड़) से ज्यादा बार डाउनलोड किए गए।
कैसे करते थे साइबर ठगी?
ये ऐप्स शुरुआत में हेल्थ ट्रैकर, QR स्कैनर, नोट्स ऐप और बैटरी ऑप्टिमाइज़र जैसे सामान्य ऐप्स की तरह दिखते थे। लेकिन अपडेट के जरिए ये खतरनाक कोड प्राप्त कर लेते थे और यूज़र्स के डिवाइस में घुसपैठ कर लेते थे। कुछ प्रमुख ऐप्स जिनमें खतरनाक कोड पाया गया, वे हैं:
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AquaTracker
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ClickSave Downloader
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Scan Hawk
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TranslateScan
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BeatWatch
इन ऐप्स को डाउनलोड करने के बाद, वे खुद को होम स्क्रीन से हटा लेते थे ताकि यूज़र्स उन्हें आसानी से अनइंस्टॉल न कर सकें। कई ऐप्स ने अपना नाम बदलकर “Google Voice” जैसा रख लिया ताकि लोग उन पर शक न करें।
यूज़र्स पर क्या असर पड़ा?
ये ऐप्स बैकग्राउंड में बिना यूज़र की जानकारी के विज्ञापन दिखाते थे, जिससे फोन की बैटरी जल्दी खत्म होती और डिवाइस धीमा पड़ जाता। इसके अलावा, ये ऐप्स यूज़र्स के सोशल मीडिया अकाउंट्स, बैंक डिटेल्स और अन्य संवेदनशील डेटा चुराने का काम भी कर रहे थे।
कुछ मामलों में, इन ऐप्स ने यूज़र्स को फ़र्ज़ी चेतावनी दिखाई कि “आपका फोन वायरस से संक्रमित है” और उन्हें एक और खतरनाक ऐप डाउनलोड करने के लिए मजबूर किया।
कौन-कौन से देश हुए प्रभावित?
ये खतरनाक ऐप्स मुख्य रूप से उन देशों में डाउनलोड किए गए जहां साइबर सुरक्षा को लेकर कम जागरूकता है। सबसे ज़्यादा प्रभावित देशों में शामिल हैं:
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ब्राजील
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अमेरिका
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मेक्सिको
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तुर्किए
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दक्षिण कोरिया
हालांकि, भारत में भी कई यूज़र्स इन ऐप्स से प्रभावित हुए हैं, खासकर वे जो बिना जांचे-परखे कोई भी ऐप डाउनलोड कर लेते हैं।
गूगल ने क्या कदम उठाए?
गूगल ने इन खतरनाक ऐप्स को प्ले स्टोर से हटा दिया है, लेकिन रिपोर्ट्स के अनुसार, कुछ ऐप्स अभी भी उपलब्ध हो सकते हैं। साइबर एक्सपर्ट्स का कहना है कि यूज़र्स को तुरंत अपने फोन से इन ऐप्स को डिलीट करना चाहिए और अपने डिवाइस की सिक्योरिटी स्कैन करनी चाहिए।
अगर आपका फोन प्रभावित हुआ है तो क्या करें?
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सबसे पहले, अगर आपने इनमें से कोई भी ऐप डाउनलोड किया है, तो उसे तुरंत डिलीट करें।
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अगर आपको फुल-स्क्रीन विज्ञापन, फेक लॉगिन पेज, या संदिग्ध गतिविधियां दिख रही हैं, तो तुरंत अपने सोशल मीडिया और बैंकिंग पासवर्ड बदल लें।
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केवल भरोसेमंद ऐप्स और डेवलपर्स के ऐप्स ही डाउनलोड करें।
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अपने फोन में एक मजबूत एंटीवायरस ऐप इंस्टॉल करें ताकि भविष्य में इस तरह के खतरों से बचा जा सके।
यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि डिजिटल युग में सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव है। अगर आप अपने फोन को सुरक्षित रखना चाहते हैं, तो किसी भी ऐप को डाउनलोड करने से पहले उसकी रेटिंग, डेवलपर का नाम और परमिशन को ध्यान से जांचें। गूगल के सुरक्षा उपायों के बावजूद, साइबर अपराधी हर दिन नए तरीकों से यूज़र्स को निशाना बना रहे हैं। ऐसे में ज़रूरी है कि हम खुद भी सतर्क रहें और डिजिटल सुरक्षा को प्राथमिकता दें।