
मशहूर स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर की गई व्यंग्यात्मक टिप्पणी के कारण उनके खिलाफ चार एफआईआर और दो नॉन कॉग्निजेबल केस दर्ज किए गए हैं। यह मामला राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है।
कहां-कहां दर्ज हुई एफआईआर?
कुणाल कामरा के खिलाफ अब तक चार अलग-अलग स्थानों पर एफआईआर दर्ज हो चुकी है, जिन्हें जांच के लिए मुंबई की खार पुलिस को सौंप दिया गया है।
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पहली एफआईआर: अंधेरी के एमआईडीसी पुलिस स्टेशन में दर्ज हुई, जिसकी शिकायत शिवसेना विधायक मुरजी पटेल ने की थी।
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दूसरी एफआईआर: नाशिक के मनमाड में रहने वाले मयूर बोरसे की शिकायत पर दर्ज की गई।
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तीसरी एफआईआर: बुलढाणा के संजय भुजबल की शिकायत पर दर्ज हुई।
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चौथी एफआईआर: नाशिक शहर के होटल व्यवसायी सुनील जाधव ने कराई।
इसके अलावा, दो नॉन कॉग्निजेबल अपराध भी दर्ज किए गए हैं:
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पहला मामला ठाणे के डोंबिवली पुलिस स्टेशन में दर्ज हुआ।
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दूसरा केस वागले स्टेट पुलिस स्टेशन में शिवसेना (शिंदे गुट) के सदस्य रूपेश मिश्रा ने दर्ज कराया।
क्या है पूरा मामला?
कुणाल कामरा ने अपने एक कॉमेडी शो के दौरान महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे पर व्यंग्य किया था। उन्होंने एक गाने के अंदाज में कहा:
“ठाणे की रिक्शा, चेहरे पर दाढ़ी, आंखों में चश्मा… हाय…
एक झलक दिखलाए कभी, गुवाहाटी में छुप जाए…
मेरी नजर से तुम देखो, गद्दार नजर वो आए…”
उनके इस मजाक को शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया। इसके बाद शिंदे गुट के नेताओं और समर्थकों में नाराजगी फैल गई। इस बयान के कारण कई जगह प्रदर्शन हुए और जिस होटल में कुणाल कामरा ने यह कॉमेडी शो किया था, वहां तोड़फोड़ भी की गई।
कामरा को मिली अंतरिम जमानत
विवाद बढ़ने के बाद कुणाल कामरा ने मद्रास हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की। उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि वह तमिलनाडु के वल्लुपुरम जिले में रहते हैं और उन्हें मुंबई पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने का डर है।
न्यायमूर्ति सुंदर मोहन ने उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए 7 अप्रैल तक अंतरिम अग्रिम जमानत दे दी है। हालांकि, यह जमानत कुछ शर्तों के साथ दी गई है, जिनका पालन करना होगा।
शिंदे गुट ने जताई नाराजगी
एकनाथ शिंदे गुट के समर्थकों ने कामरा के बयान को अपमानजनक बताया है। उनका कहना है कि इससे राजनीतिक दलों के बीच दुश्मनी बढ़ सकती है और शिंदे गुट की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई है। इसी वजह से उनके खिलाफ BNS की धारा 353 (1)(B), 353(2), 356(2) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पहले भी विवादों में रह चुके हैं कुणाल कामरा
कुणाल कामरा का विवादों से पुराना नाता है। वे अपने राजनीतिक व्यंग्य और कटाक्ष के लिए जाने जाते हैं। इससे पहले भी वह कई बार सरकार और नेताओं के खिलाफ बयान देकर विवादों में फंस चुके हैं।
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2019 में, उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ टिप्पणी की थी, जिस पर उनके खिलाफ अवमानना का केस चला था।
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2020 में, उन्होंने पत्रकार अर्नब गोस्वामी के खिलाफ विवादित बयान दिया था, जिसके कारण उन पर कार्रवाई की गई थी।
क्या होगा आगे?
फिलहाल, कुणाल कामरा को अंतरिम अग्रिम जमानत मिल चुकी है, लेकिन मामला अभी खत्म नहीं हुआ है। पुलिस इन एफआईआर की जांच कर रही है और यह देखना होगा कि क्या उन्हें आगे किसी और कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। वहीं, शिंदे गुट के समर्थक सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
कुणाल कामरा का यह मामला व्यंग्य और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बनाम राजनीतिक विवाद का एक और उदाहरण बन गया है। जहां कुछ लोग इसे हास्य और व्यंग्य का हिस्सा मान रहे हैं, वहीं शिंदे गुट इसे अपमानजनक और भड़काऊ बता रहा है। आने वाले दिनों में यह मामला और तूल पकड़ सकता है।