हरियाणा-पंजाब की खनौरी सीमा पर मरण व्रत पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की हालत बेहद नाजुक हो गई है। आज उनके व्रत का 44वां दिन है, और वह किसी से बात करने में भी असमर्थ हैं। डल्लेवाल की बिगड़ती स्थिति के बीच किसानों ने 26 जनवरी को पूरे देश में ट्रैक्टर मार्च निकालने का फैसला लिया है। इस संबंध में विस्तृत योजना जल्द जारी की जाएगी।
किसान नेता और संगठन लगातार केंद्र सरकार से मांग कर रहे हैं कि वे किसानों के मुद्दों का समाधान जल्द से जल्द करें। यदि डल्लेवाल की स्थिति और बिगड़ती है, तो केंद्र सरकार के लिए स्थिति को संभालना मुश्किल हो सकता है।
डल्लेवाल की बिगड़ती सेहत
सोमवार रात डल्लेवाल की स्थिति अचानक बिगड़ गई। किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने बताया कि रात करीब 8:15 बजे डल्लेवाल का ब्लड प्रेशर 77/45 से नीचे और पल्स रेट 38 से कम हो गया। डॉक्टरों के मुताबिक, जब डल्लेवाल के पैरों को थोड़ा ऊपर उठाया गया, तो उनका ब्लड प्रेशर कुछ हद तक स्थिर हुआ। अन्यथा, ब्लड प्रेशर और पल्स रेट बेहद खतरनाक स्तर तक गिर रहे थे।
रात करीब 2:30 बजे डॉक्टरों के प्रयासों से ब्लड प्रेशर 95/70 पर स्थिर हो सका, लेकिन उनकी स्थिति अब भी नाजुक बनी हुई है।
डॉक्टरों की निगरानी में डल्लेवाल
सोमवार रात से लेकर मंगलवार सुबह तक, डल्लेवाल की स्थिति पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने तीन बार जांच की। सरकारी डॉक्टरों की टीम लगातार डल्लेवाल की सेहत पर नजर रख रही है। हालांकि, डल्लेवाल ने मेडिकल जांच कराने से इंकार कर दिया है। फिलहाल, उन्हें इलाज के लिए मनाने की कोशिश की जा रही है।
प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक
मंगलवार सुबह वरिष्ठ पुलिस अधिकारी नरेन्द्र भार्गव और एसएसपी पटियाला नानक सिंह खनौरी पहुंचे। यहां उन्होंने किसान नेताओं से मुलाकात की। अधिकारियों ने बताया कि जब डल्लेवाल की स्थिति बिगड़ी, तो सरकारी डॉक्टर मौके पर मौजूद थे। डॉक्टरों ने पूरी रात उनकी सेहत की निगरानी की।
सुप्रीम कोर्ट की हाई पावर कमेटी की मुलाकात
इससे पहले, 6 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित हाई पावर कमेटी ने खनौरी सीमा पर डल्लेवाल से मुलाकात की थी। कमेटी ने किसानों की मांगों को लेकर चर्चा की, लेकिन अब तक कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आया है।
26 जनवरी को देशभर में ट्रैक्टर मार्च की घोषणा
डल्लेवाल की बिगड़ती हालत और सरकार की उदासीनता को देखते हुए किसान संगठनों ने गणतंत्र दिवस पर देशभर में ट्रैक्टर मार्च निकालने का ऐलान किया है। किसान नेताओं का कहना है कि इस बार आंदोलन को और तेज किया जाएगा और केंद्र सरकार पर दबाव बनाया जाएगा।
किसानों की चेतावनी
किसान नेताओं का कहना है कि यदि डल्लेवाल की स्थिति और बिगड़ती है या कोई अनहोनी होती है, तो केंद्र सरकार इसके लिए पूरी तरह जिम्मेदार होगी। किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने चेतावनी दी, “अगर डल्लेवाल को कुछ हो गया, तो यह केंद्र सरकार के माथे पर ऐसा दाग होगा, जो कभी नहीं मिट सकेगा।”
डल्लेवाल की स्थिति लगातार बिगड़ रही है, और किसान संगठनों का धैर्य जवाब दे रहा है। किसानों ने केंद्र सरकार से अपील की है कि वे जिद छोड़कर उनकी मांगों को जल्द स्वीकार करें। वहीं, डल्लेवाल की हालत को देखते हुए प्रशासन पर भी दबाव बढ़ रहा है। अब देखना यह है कि 26 जनवरी के ट्रैक्टर मार्च से पहले सरकार और किसानों के बीच कोई समाधान निकलता है या नहीं।