चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस ने जनवरी से अक्टूबर 2024 के बीच ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले 485 लोगों के ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित कर दिए हैं। इन मामलों में ओवरस्पीड, रेड लाइट जंपिंग, बिना हेलमेट ड्राइविंग, शराब पीकर गाड़ी चलाने और ड्राइविंग के दौरान मोबाइल फोन का उपयोग प्रमुख कारण रहे। ट्रैफिक पुलिस ने रजिस्ट्रेशन एंड लाइसेंसिंग अथॉरिटी (RLA) को इन नियम उल्लंघनों पर सख्त कार्रवाई करने की सिफारिश की थी, जिसके बाद यह कदम उठाया गया।
ट्रैफिक नियम उल्लंघन पर कार्रवाई
चंडीगढ़ RLA ने मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 19 और केंद्रीय मोटर व्हीकल नियम, 1989 के प्रावधानों के तहत इन ड्राइविंग लाइसेंसों को तीन से छह महीने के लिए निलंबित कर दिया।
- बिना हेलमेट ड्राइविंग: तीन महीने का निलंबन।
- ओवरस्पीड और रेड लाइट जंपिंग: छह महीने का निलंबन।
- शराब पीकर गाड़ी चलाना: छह महीने का निलंबन।
- मोबाइल फोन का उपयोग: छह महीने तक प्रतिबंध।
इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम का उपयोग
चंडीगढ़ स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने ट्रैफिक नियमों की निगरानी के लिए शहर के 47 जंक्शनों पर 225 से अधिक इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ITMS) कैमरे लगाए हैं। ये कैमरे ट्रैफिक नियम उल्लंघन की घटनाओं को रिकॉर्ड करते हैं और स्वचालित रूप से चालान जारी करते हैं। ट्रैफिक पुलिस इन प्रक्रियाओं की निगरानी करती है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत भविष्य में और अधिक कैमरे लगाने की योजना है, जिससे ट्रैफिक नियंत्रण में सुधार होगा।
पिछले वर्षों के आंकड़े
चंडीगढ़ में ट्रैफिक नियम उल्लंघन पर ड्राइविंग लाइसेंस निलंबन की प्रवृत्ति हर साल अलग रही है।
- 2020: सबसे अधिक 4,623 लाइसेंस निलंबित।
- 2021: 4,057 लाइसेंस निलंबित।
- 2022: 1,118 लाइसेंस निलंबित।
- 2023: 689 लाइसेंस निलंबित।
- 2024 (जनवरी-अक्टूबर): अब तक 485 लाइसेंस निलंबित किए गए।
चंडीगढ़ में सड़क सुरक्षा पर फोकस
चंडीगढ़ प्रशासन और ट्रैफिक पुलिस, सड़क सुरक्षा और ट्रैफिक नियमों के पालन को सुनिश्चित करने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। ITMS कैमरों के अलावा, जागरूकता अभियानों के जरिए लोगों को सुरक्षित ड्राइविंग की ओर प्रेरित किया जा रहा है।
ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई और ITMS जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग चंडीगढ़ में सड़क सुरक्षा को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभा रहा है। हालांकि, आंकड़े बताते हैं कि ट्रैफिक नियम उल्लंघनों में कमी आई है, लेकिन यह प्रयास तभी सफल हो सकता है जब वाहन चालक भी जिम्मेदारी से ड्राइविंग करें।