
पंजाब पुलिस ने नशे के खिलाफ चल रही ‘ਯੁੱਧ ਨਸ਼ਿਆਂ ਵਿਰੁੱਧ’ (नशों के खिलाफ युद्ध) मुहिम के 48वें दिन एक और बड़ी कार्रवाई की है। इस दिन पुलिस ने पूरे राज्य में 471 जगहों पर छापेमारी की और 97 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया। इनके खिलाफ 60 एफआईआर दर्ज की गई हैं।
इस मुहिम के तहत अब तक (सिर्फ 48 दिनों में) कुल 6402 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जो कि इस बात का संकेत है कि पंजाब सरकार और पुलिस इस गंभीर मुद्दे पर पूरी मुस्तैदी से काम कर रही हैं।
कई प्रकार की नशे की सामग्री जब्त
गिरफ्तार किए गए आरोपियों के पास से पुलिस ने भारी मात्रा में नशीली सामग्री बरामद की है। इनमें 261 ग्राम हेरोइन, 699 ग्राम अफीम और 1997 नशीली गोलियां/कैप्सूल शामिल हैं। इसके अलावा, 40.9 लाख रुपये की ‘ड्रग मनी’ (नशा तस्करी से कमाई गई रकम) भी जब्त की गई है। यह कार्रवाई दिखाती है कि नशा तस्करी पंजाब में किस हद तक फैली हुई है और पुलिस इसे जड़ से खत्म करने में जुटी है।
राज्य भर में चला सघन ऑपरेशन
इस विशेष अभियान के दौरान 84 वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में 150 से ज्यादा पुलिस टीमें बनाई गईं। इन टीमों में कुल 1200 से अधिक पुलिस कर्मी शामिल थे। पूरे दिन चले इस ऑपरेशन के दौरान पुलिस ने 502 संदिग्ध व्यक्तियों की गहन जांच भी की।
विशेष डीजीपी (कानून व्यवस्था) अर्पित शुक्ला ने जानकारी दी कि इस मुहिम का उद्देश्य सिर्फ तस्करों को पकड़ना ही नहीं, बल्कि नशे की चपेट में आए लोगों को मुख्यधारा में लाना भी है। इस दिशा में 6 व्यक्तियों को प्रेरित कर नशा छुड़ाओ और पुनर्वास केंद्रों में इलाज के लिए भेजा गया है।
लोगों से भी सहयोग की अपील
पुलिस प्रशासन ने आम जनता से अपील की है कि अगर किसी को नशा तस्करी या इसके सेवन की कोई जानकारी हो, तो वह तुरंत पुलिस को सूचित करें। उनकी पहचान गुप्त रखी जाएगी और उन्हें पूरी सुरक्षा दी जाएगी।
पंजाब सरकार और पुलिस द्वारा चलाया जा रहा यह अभियान राज्य को नशा मुक्त बनाने की दिशा में एक सराहनीय कदम है। सिर्फ 48 दिनों में हजारों गिरफ्तारियों और लाखों की ड्रग्स जब्ती से साफ है कि सरकार इस मुद्दे पर सख्त रवैया अपनाए हुए है। यदि यही रफ्तार बनी रही, तो आने वाले समय में पंजाब को नशा मुक्त बनाना संभव होगा।