
पंजाब में नशों के खिलाफ शुरू की गई ‘युद्ध नशों के खिलाफ’ मुहिम अब अपने सकारात्मक परिणाम दिखा रही है। मुख्यमंत्री भगवंत मान के निर्देशों पर राज्य सरकार ने नशे की गिरफ्त में आए लोगों के इलाज और पुनर्वास के लिए बड़ा कदम उठाया है। पंजाब के सभी नशा मुक्ति केंद्रों में 5,000 अतिरिक्त बिस्तर बढ़ाए गए हैं ताकि इलाज के लिए किसी को इंतज़ार न करना पड़े।
पंजाब के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने जानकारी दी कि मालेेरकोटला के सरकारी अस्पताल में विशेष रूप से 30 नए बिस्तरों की व्यवस्था की गई है। उन्होंने यह जानकारी एक विशेष समीक्षा बैठक के दौरान दी, जिसमें उन्होंने नशे के खिलाफ चल रही मुहिम के अलावा डेंगू, मच्छरों और गंदे पानी से फैलने वाली बीमारियों की रोकथाम को लेकर भी अधिकारियों और सामाजिक संगठनों के साथ चर्चा की।
नशा बेचने वालों को सख्त चेतावनी
डॉ. बलबीर सिंह ने इस मौके पर नशा तस्करों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि या तो वो अपना गलत धंधा छोड़ दें या पंजाब छोड़ दें। उन्होंने दो टूक कहा कि पंजाब की युवा पीढ़ी को बर्बाद करने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। इसके अलावा उन्होंने यह भी ऐलान किया कि जो लोग नशा बेच कर अवैध संपत्ति बना रहे हैं, उनकी जायदादें ज़ब्त और ढहा दी जाएंगी।
डेंगू की रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान
सिर्फ नशा ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य विभाग मच्छरों से फैलने वाली बीमारियों को रोकने में भी सक्रिय है। मंत्री बलबीर सिंह ने मालेेरकोटला के जामालपुरा मोहल्ला, मदरसा अरबिया हिफ्ज़ुल कुरान, नामधारी शहीदी स्मारक जैसे इलाकों में घर-घर जाकर लोगों को डेंगू से बचने के तरीके बताए।
इस दौरान उन्होंने पत्रकारों को डेंगू लार्वा के सैंपल भी दिखाए, जो सर्वे के दौरान इकट्ठा किए गए थे। लोगों को बताया गया कि अपने आसपास के इलाकों में साफ-सफाई रखें, पानी जमा न होने दें और समय-समय पर टंकियों की सफाई करें।
उच्च अधिकारियों की मौजूदगी
इस पूरे कार्यक्रम में कई अहम अधिकारी भी शामिल रहे, जिनमें मालेेरकोटला के विधायक डॉ. जमील-उर-रहमान, एस.एस.पी. गगन अजीत सिंह, एस.डी.एम. गुरमीत कुमार बांसल, सिविल सर्जन डॉ. संजय गोयल, और मुख्यमंत्री फील्ड अफसर राकेश गर्ग प्रमुख थे। इसके अलावा स्थानीय सामाजिक संगठनों के प्रमुख भी बड़ी संख्या में इस अभियान में शामिल हुए।
पंजाब सरकार की यह पहल दर्शाती है कि राज्य नशे और स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं को गंभीरता से ले रहा है। मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में राज्य सरकार न केवल नशा तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है, बल्कि पीड़ितों के इलाज और पुनर्वास के लिए भी जरूरी संसाधन बढ़ा रही है। साथ ही, डेंगू जैसी बीमारियों के प्रति जनजागरूकता फैलाकर लोगों की सेहत की रक्षा भी की जा रही है।