
पंजाब के सरकारी स्कूलों में शिक्षा प्रणाली को और बेहतर बनाने के लिए 72 शिक्षकों का दूसरा बैच आज फिनलैंड के लिए रवाना हुआ। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने खुद इन शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए रवाना किया और बस को हरी झंडी दिखाई। उन्होंने कहा कि पंजाब में शिक्षा सुधार जारी रहेगा और इस तरह के कदम आगे भी उठाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस मौके पर कहा कि यह टीचर एक नए बदलाव की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने शिक्षकों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आधुनिक शिक्षा पद्धतियों को अपनाना बहुत जरूरी है, क्योंकि दुनिया लगातार बदल रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि ये शिक्षक जब ट्रेनिंग से लौटेंगे तो अपने अनुभवों को स्कूलों में साझा करेंगे, जिससे पंजाब के विद्यार्थियों को फायदा मिलेगा।
सोशल मीडिया पर दी शुभकामनाएं
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सोशल मीडिया पर भी इस ट्रेनिंग प्रोग्राम की जानकारी दी। उन्होंने लिखा,
“आज चंडीगढ़ से सरकारी स्कूलों के 72 शिक्षकों के दूसरे बैच को ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड भेजा गया। सभी को मिलकर शुभकामनाएं दीं। शिक्षक समाज के निर्माता होते हैं, हमें उम्मीद है कि वे ऐसे विद्यार्थियों को तैयार करेंगे जो देश की प्रगति में योगदान देंगे।”
शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस भी रहे मौजूद
इस मौके पर पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि यह पहल पंजाब की शिक्षा व्यवस्था को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
कैसा होगा यह ट्रेनिंग प्रोग्राम?
- यह ट्रेनिंग 2 हफ्तों की होगी।
- शिक्षकों को फिनलैंड के आधुनिक शिक्षण तरीकों के बारे में सिखाया जाएगा।
- वे फिनलैंड के शिक्षकों और स्कूलों के सिस्टम को समझेंगे।
- ट्रेनिंग पूरी होने के बाद, ये शिक्षक पंजाब के अन्य शिक्षकों और छात्रों के साथ अपने अनुभव साझा करेंगे।
किन शिक्षकों को मिला यह मौका?
पंजाब सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि ट्रेनिंग के लिए चुने गए शिक्षक युवा और ऊर्जावान हों। इसलिए, सरकार ने अधिकतम उम्र सीमा 43 साल तय की थी। इसके अलावा, चयनित शिक्षकों को कुछ अन्य शर्तों को भी पूरा करना था:
✔️ 31 जनवरी 2025 तक उम्र 43 साल या उससे कम होनी चाहिए।
✔️ सितंबर 2025 तक वैध भारतीय पासपोर्ट होना चाहिए।
✔️ उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं होना चाहिए।
पहले बैच को भी भेजा गया था फिनलैंड
गौरतलब है कि इससे पहले भी पंजाब सरकार ने एक बैच को फिनलैंड भेजा था, जिसने वहां से लौटकर पंजाब में नई शिक्षण तकनीकों को अपनाने में मदद की। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा ताकि पंजाब का शिक्षा स्तर और ऊंचा उठे।
मुख्यमंत्री ने क्यों चुना फिनलैंड?
फिनलैंड को दुनिया में सबसे बेहतरीन शिक्षा प्रणाली वाला देश माना जाता है। वहां पर शिक्षा को बच्चों की सोचने-समझने की क्षमता को विकसित करने पर केंद्रित किया जाता है, न कि सिर्फ किताबें याद करने पर। पंजाब सरकार चाहती है कि यहां के शिक्षक वही आधुनिक और प्रभावी तरीकों को अपनाएं, जिससे विद्यार्थियों की सीखने की क्षमता और कौशल में सुधार हो।
पंजाब सरकार की यह पहल निश्चित रूप से शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव लाने वाली है। जब ये 72 शिक्षक फिनलैंड से नई शिक्षा तकनीकों को सीखकर लौटेंगे, तो वे पंजाब के स्कूलों में एक नई शिक्षा क्रांति ला सकते हैं। इससे विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा मिलेगी और वे आधुनिक दुनिया की चुनौतियों के लिए और ज्यादा सक्षम बनेंगे।
यह कदम पंजाब को एक नई शिक्षा नीति की ओर ले जा सकता है, जिससे सरकारी स्कूलों में भी वही शिक्षा स्तर देखने को मिलेगा, जो दुनिया के विकसित देशों में होता है।