महाराष्ट्र के पुणे में दुर्लभ बीमारी गुलियन-बैरे सिंड्रोम (GBS) से पहली मौत की पुष्टि हुई है। यह मामला एक 48 वर्षीय चार्टर्ड अकाउंटेंट का है, जो डीएसके विश्वा इलाके में रहते थे। मरीज कुछ दिनों से दस्त से पीड़ित थे और निजी दौरे पर सोलापुर जिले के अपने गांव गए थे। कमजोरी महसूस होने पर उन्हें सोलापुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने जीबीएस का पता लगाया।
हालत बिगड़ने पर उन्हें आईसीयू में भर्ती किया गया। उनकी स्थिति स्थिर होने के बाद शनिवार को उन्हें आईसीयू से बाहर लाया गया। हालांकि, उसी दिन सांस लेने में तकलीफ के कारण उनका निधन हो गया। परिजनों ने बताया कि वह बीमारी से लड़ने की पूरी कोशिश कर रहे थे, लेकिन दुर्भाग्यवश उनकी जान नहीं बचाई जा सकी।
गुलियन-बैरे सिंड्रोम क्या है?
गुलियन-बैरे सिंड्रोम (GBS) एक दुर्लभ नर्वस सिस्टम की बीमारी है, जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम खुद ही नसों पर हमला करता है। यह बीमारी अचानक सुन्नपन, मांसपेशियों की कमजोरी और लकवे का कारण बन सकती है। गंभीर मामलों में यह बीमारी सांस लेने में कठिनाई या मौत का कारण बन सकती है।
पुणे में जीबीएस के बढ़ते मामले
पुणे में अब तक जीबीएस के 73 मामले सामने आए हैं। इनमें से 14 मरीज वेंटिलेटर पर हैं और शनिवार को 9 संदिग्ध नए मामले पाए गए हैं। पुणे नगर निगम ने स्थिति को गंभीरता से लेते हुए सख्त कदम उठाए हैं।
बीमारी को रोकने के उपाय
पुणे नगर निगम ने बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं। स्वास्थ्य विभाग संदिग्ध मामलों पर लगातार नजर बनाए हुए है और लोगों को सावधान रहने की सलाह दी गई है।
सावधानी जरूरी
जीबीएस एक दुर्लभ बीमारी है, लेकिन इसके लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। यदि अचानक मांसपेशियों की कमजोरी, सुन्नपन या सांस लेने में कठिनाई हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। समय पर इलाज से बीमारी के गंभीर परिणामों को टाला जा सकता है।
इस दुर्लभ बीमारी से बचाव और जागरूकता के लिए प्रशासन पूरी तरह सतर्क है।