बिहार के पटना जिले के दानापुर में सेना भर्ती के लिए आयोजित दौड़ में शनिवार को युवाओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। दौड़ में शामिल होने के लिए राज्य के विभिन्न जिलों से करीब 30 हजार युवक पहुंचे थे। हालांकि, दौड़ में भाग लेने के लिए निर्धारित क्षमता से अधिक अभ्यर्थी पहुंचने के कारण सभी को मौका नहीं दिया जा सका। इससे निराश होकर कई युवकों ने हंगामा किया, जिसके बाद पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा।
दौड़ में युवाओं की भारी भीड़
दानापुर में चल रही सेना भर्ती दौड़ का यह पांचवां दिन था। दौड़ में शामिल होने के लिए युवाओं का उत्साह इस कदर था कि वे सुबह से ही भारी संख्या में वहां पहुंचने लगे। सेना भर्ती प्रक्रिया के तहत प्रत्येक दिन निर्धारित संख्या में अभ्यर्थियों को दौड़ में शामिल होने का अवसर दिया जाता है। लेकिन शनिवार को दौड़ स्थल पर युवाओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी, जिससे भीड़ नियंत्रण में कठिनाई हुई।
अधिक संख्या में पहुंचे युवाओं को दौड़ में शामिल नहीं किया जा सका। इसके बाद जो अभ्यर्थी दौड़ में भाग नहीं ले सके, उन्होंने सैनिक चौक पर प्रदर्शन शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने चौक पर जाम लगाते हुए दौड़ में शामिल करने की मांग की।
पुलिस को करनी पड़ी कार्रवाई
हंगामे की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया। लेकिन युवाओं की आक्रामकता को देखते हुए पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया और प्रदर्शनकारियों को वहां से हटाया। कुछ अभ्यर्थियों का आरोप है कि पुलिस ने उन्हें दौड़ा-दौड़ाकर पीटा, जिससे वे आहत हुए हैं।
पुलिस ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा कि स्थिति को संभालने के लिए केवल हल्का बल प्रयोग किया गया। पुलिस का कहना है कि यह कदम भीड़ को तितर-बितर करने और जाम को हटाने के लिए उठाया गया। घटना के बाद पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में बताया और कहा कि दौड़ प्रक्रिया सामान्य रूप से चल रही है।
दौड़ आयोजन की स्थिति
सेना भर्ती के लिए आयोजित यह दौड़ दानापुर के क्षेत्रीय सेना भर्ती कार्यालय द्वारा संचालित हो रही है। प्रत्येक दिन एक निश्चित संख्या में अभ्यर्थियों को दौड़ में शामिल होने का मौका दिया जाता है। हालांकि, शनिवार को क्षमता से अधिक संख्या में युवाओं के पहुंचने से व्यवस्थाओं पर असर पड़ा।
पुलिस ने स्पष्ट किया कि दौड़ को रद्द नहीं किया गया है और जितने अभ्यर्थियों को दौड़ के लिए बुलाया गया था, उन्हें दौड़ में भाग लेने का अवसर दिया गया। बाकी युवाओं को समझा-बुझाकर वापस भेज दिया गया।
अभ्यर्थियों की प्रतिक्रिया
कई अभ्यर्थियों ने दौड़ में शामिल न हो पाने को लेकर नाराजगी जताई। उनका कहना है कि वे काफी मेहनत और उम्मीद के साथ यहां पहुंचे थे, लेकिन भीड़ के कारण उन्हें मौका नहीं मिल सका। कुछ अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि आयोजन स्थल पर अव्यवस्था थी और बड़ी संख्या में पहुंचे युवाओं के लिए समुचित प्रबंधन नहीं किया गया।
सेना भर्ती प्रक्रिया में उत्साह
बिहार के युवाओं में सेना में भर्ती होने का उत्साह लंबे समय से देखा गया है। सेना में सेवा देने की चाहत और बेहतर भविष्य की उम्मीद के चलते हर साल हजारों युवा इन भर्तियों में भाग लेते हैं। इस बार भी दानापुर में आयोजित दौड़ में राज्य के विभिन्न जिलों से बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों का आना इस बात को प्रमाणित करता है।
हालांकि, ऐसे आयोजनों में प्रबंधन की चुनौतियां और अभ्यर्थियों की भारी संख्या प्रशासन के लिए हमेशा एक बड़ी चुनौती साबित होती है।
दानापुर में सेना भर्ती दौड़ के दौरान हुए इस हंगामे ने आयोजन में भीड़ प्रबंधन की महत्वता को रेखांकित किया है। वहीं, पुलिस और प्रशासन ने स्थिति को संभालने के लिए तत्परता दिखाई। सेना में भर्ती के लिए युवाओं का यह उत्साह न केवल उनकी देशभक्ति का प्रतीक है, बल्कि यह राज्य में रोजगार के प्रति उनकी गंभीरता को भी दर्शाता है।
भविष्य में इस तरह के आयोजनों में बेहतर प्रबंधन और समुचित व्यवस्था से युवाओं को बिना किसी असुविधा के अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिल सकेगा।