
पंजाब पुलिस द्वारा चलाए जा रहे ‘युद्ध नशों के खिलाफ’ अभियान को 46 दिन हो चुके हैं और यह लगातार असरदार तरीके से आगे बढ़ रहा है। सोमवार को भी पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 97 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया है। इन तस्करों के पास से 1.6 किलो हेरोइन और 29,790 रुपये की ड्रग मनी बरामद की गई है।
इस अभियान की शुरुआत के बाद से अब तक कुल 6,138 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जो कि राज्य सरकार और पुलिस की इस मुहिम की सफलता को दर्शाता है।
पूरे राज्य में चला सघन अभियान
विशेष डीजीपी (कानून और व्यवस्था) अर्पित शुक्ला ने जानकारी दी कि इस विशेष ऑपरेशन के तहत 72 गजटेड अफसरों की निगरानी में 200 से ज्यादा पुलिस टीमें बनाई गईं। इन टीमों में कुल 1200 से अधिक पुलिसकर्मी शामिल थे। सोमवार को राज्यभर में कुल 433 स्थानों पर छापेमारी की गई और 60 एफआईआर दर्ज की गईं।
इसके साथ ही पुलिस ने 475 संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ भी की। यह सब कुछ एक दिन के भीतर किया गया, जो दिखाता है कि पुलिस कितनी सक्रियता से इस अभियान को चला रही है।
नशा मुक्ति के लिए प्रेरणा भी
पुलिस ने केवल गिरफ्तारियां ही नहीं कीं, बल्कि नशे की गिरफ्त में फंसे लोगों को सुधारने के लिए भी कदम उठाए। ‘डी-एडिक्शन’ (नशा मुक्ति) अभियान के तहत पुलिस ने 8 लोगों को नशा छुड़ाने और पुनर्वास केंद्रों में इलाज करवाने के लिए प्रेरित किया। यह इस अभियान का एक मानवीय पहलू भी है, जो केवल अपराधियों को पकड़ने तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज को बेहतर बनाने की सोच भी रखता है।
समाज को जागरूक करने की जरूरत
इस तरह की कार्रवाई यह संदेश देती है कि पंजाब सरकार और पुलिस विभाग नशे की समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। लेकिन इस लड़ाई में समाज का सहयोग भी बेहद जरूरी है। अगर आम लोग भी सतर्क रहें और संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी पुलिस को दें, तो इस लड़ाई को और अधिक मजबूती मिल सकती है।
पुलिस का यह अभियान केवल कानून व्यवस्था बनाए रखने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक बदलाव की दिशा में भी एक बड़ा कदम है। ‘नशे के खिलाफ युद्ध’ सिर्फ पुलिस की नहीं, हम सभी की ज़िम्मेदारी है।
अगर ऐसे ही प्रयास जारी रहे, तो वह दिन दूर नहीं जब पंजाब एक बार फिर से नशा मुक्त और सुरक्षित राज्य बन जाएगा।