बिहार की आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं के लिए बड़ी राहत भरी खबर सामने आई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार, रिटायरमेंट के समय आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं को आर्थिक सहायता देने की योजना पर गंभीरता से विचार कर रही है। यह पहल राज्य में लाखों आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए जीवन-यापन में सहारा बनेगी।
प्रस्ताव का मुख्य बिंदु
सूत्रों के मुताबिक, बिहार सरकार प्रत्येक सेवानिवृत्त आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका को रिटायरमेंट के समय एक से डेढ़ लाख रुपये की एकमुश्त राशि देने का विचार कर रही है। यह सहायता राशि पूरी तरह टैक्स-फ्री होगी, यानी इस पर लाभार्थियों को किसी भी प्रकार का इनकम टैक्स नहीं देना पड़ेगा।
समाज कल्याण विभाग ने इस योजना के लिए मसौदा तैयार कर लिया है और संभावना जताई जा रही है कि इस महीने के अंत तक इसे नीतीश कैबिनेट की मंजूरी मिल जाएगी। सरकार की यह योजना उन आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं के लिए राहतकारी साबित होगी, जो 65 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद सेवानिवृत्त हो जाती हैं।
बिहार के आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति
बिहार राज्य में वर्तमान में कुल 1 लाख 14 हजार आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। प्रत्येक केंद्र पर एक आंगनबाड़ी सेविका और एक सहायिका कार्यरत हैं। इस तरह पूरे राज्य में कुल 2 लाख 28 हजार आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका अपनी सेवाएँ दे रही हैं।
हर साल लगभग 5 से 7 हजार आंगनबाड़ी सेविकाएं और सहायिकाएं 65 वर्ष की आयु पूरी कर रिटायर होती हैं। सरकार की इस योजना के तहत इन सभी को रिटायरमेंट के समय एकमुश्त राशि का लाभ मिलेगा। यह राशि उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगी और उनके भविष्य के जीवन-यापन में सहायक सिद्ध होगी।
नई भर्ती का भी ऐलान
बिहार सरकार सिर्फ सेवानिवृत्त सेविकाओं और सहायिकाओं के लिए योजना नहीं बना रही है, बल्कि समाज कल्याण विभाग ने बड़े पैमाने पर आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं की भर्ती की भी योजना तैयार की है।
भर्ती प्रक्रिया के मुख्य बिंदु:
- शैक्षणिक योग्यता: उम्मीदवार का 12वीं कक्षा उत्तीर्ण होना आवश्यक है।
- आयु सीमा:
- न्यूनतम आयु: 18 वर्ष
- अधिकतम आयु: 35 वर्ष
- चयन प्रक्रिया:
यदि दो या अधिक अभ्यर्थियों की शैक्षणिक योग्यता समान होती है, तो चयन मेरिट अंकों के आधार पर किया जाएगा।
योजना का उद्देश्य
बिहार सरकार की इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य की आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं को उनके सेवाकाल के अंत में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है। लंबे समय से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपनी मेहनत और समर्पण से ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों और महिलाओं की देखभाल और पोषण सुनिश्चित करती आ रही हैं।
सरकार की यह पहल उनके कार्यों को सम्मान देने के साथ-साथ उनके भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
लाभ और संभावनाएँ
- आर्थिक राहत: रिटायरमेंट के समय मिलने वाली राशि से सेविकाएं और सहायिकाएं अपने जीवन-यापन के लिए आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो सकेंगी।
- टैक्स फ्री लाभ: यह राशि टैक्स फ्री होने के कारण उन्हें पूरी सहायता मिलेगी।
- नए अवसर: भर्ती प्रक्रिया से नए उम्मीदवारों को आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं के रूप में रोजगार का अवसर मिलेगा।
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नीतीश कुमार सरकार की यह योजना बिहार के आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं के लिए एक सराहनीय कदम है। इससे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि उनकी कड़ी मेहनत और सेवाओं का सम्मान भी बढ़ेगा। इसके साथ-साथ नई भर्तियों के माध्यम से राज्य में बेरोजगारी दर में भी कमी आने की उम्मीद है।
इस योजना को मंजूरी मिलने के बाद लाखों आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं को एक सुरक्षित भविष्य का भरोसा मिलेगा।