भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीसरा टेस्ट मैच रोमांचक मोड़ पर पहुंच गया है। चौथे दिन का खेल समाप्त होने तक भारतीय टीम ने 9 विकेट खोकर 252 रन बना लिए हैं। हालांकि, भारत अभी भी पहली पारी के लिहाज से 193 रनों से पीछे है। फॉलोऑन बचाने की चुनौती का सामना करते हुए टीम इंडिया ने 246 रनों का आंकड़ा पार कर लिया और बड़ी मशक्कत के बाद इस दबाव से उबरने में सफल रही।
तीसरे दिन का हाल
तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक भारतीय टीम का स्कोर 51/4 था। विराट कोहली, शुभमन गिल और यशस्वी जायसवाल जैसे प्रमुख बल्लेबाज सस्ते में आउट हो गए थे। ऐसे में भारत के ऊपर फॉलोऑन का खतरा मंडराने लगा था। चौथे दिन भारतीय टीम को अपनी पारी संभालने की सख्त जरूरत थी।
चौथे दिन: भारत की संघर्षपूर्ण पारी
चौथे दिन भारत ने 51 रन से आगे खेलना शुरू किया लेकिन शुरुआत अच्छी नहीं रही। कप्तान रोहित शर्मा सिर्फ 10 रन बनाकर आउट हो गए। इसके बाद ऋषभ पंत भी कुछ खास योगदान नहीं दे पाए।
हालांकि, इस मुश्किल घड़ी में केएल राहुल और रवींद्र जडेजा ने भारतीय पारी को संभालने की जिम्मेदारी उठाई। दोनों के बीच 67 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी हुई। केएल राहुल ने 84 रन बनाए, जबकि रवींद्र जडेजा ने 77 रनों का अहम योगदान दिया। इन दोनों ने मिलकर टीम इंडिया को संकट से बाहर निकालने की कोशिश की।
मध्य क्रम का संघर्ष
केएल राहुल के आउट होने के बाद रवींद्र जडेजा ने नितीश रेड्डी के साथ 53 रनों की साझेदारी की। हालांकि, भारतीय टीम ने एक समय 213 के स्कोर पर 9 विकेट गंवा दिए थे और फॉलोऑन बचाने के लिए अभी भी 33 रन बनाने बाकी थे।
बुमराह-आकाशदीप की मैच बचाने वाली साझेदारी
ऐसे में निचले क्रम के बल्लेबाज जसप्रीत बुमराह और आकाशदीप ने जिम्मेदारी संभाली। दोनों ने संयम के साथ बल्लेबाजी की और फॉलोऑन बचाने के लिए जरूरी रन बनाए। उनकी 39 रनों की नाबाद साझेदारी ने भारत को एक बड़े संकट से उबारा।
दिन का खेल खत्म होने तक:
- आकाशदीप: 27 रन
- जसप्रीत बुमराह: 10 रन नाबाद
फॉलोऑन बचाने का महत्व
अगर भारत फॉलोऑन नहीं बचा पाता, तो ऑस्ट्रेलियाई टीम पूरी तरह से मैच पर हावी हो जाती और टीम इंडिया के लिए मैच में वापसी करना मुश्किल हो जाता। साथ ही, वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल की उम्मीदों को भी बड़ा झटका लग सकता था। लेकिन बुमराह और आकाशदीप की साझेदारी ने भारत को मैच में जीवित रखा है।
आगे की संभावनाएँ
अब भारत की उम्मीदें जसप्रीत बुमराह और आकाशदीप की जोड़ी पर टिकी हुई हैं, जो पांचवें दिन रन बनाते हुए टीम को कुछ और मजबूती देने की कोशिश करेंगे। साथ ही गेंदबाजों को यह सुनिश्चित करना होगा कि ऑस्ट्रेलिया को दूसरी पारी में जल्द से जल्द रोका जाए ताकि भारत के पास मैच बचाने या जीतने का मौका बना रहे।
यह संघर्षपूर्ण पारी भारतीय टीम के जुझारू स्वभाव का उदाहरण है। बुमराह और आकाशदीप ने निचले क्रम पर बल्लेबाजी करते हुए एक मजबूत संदेश दिया कि मैच किसी भी स्थिति में पलटा जा सकता है।