भारत सहित अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट का दौर जारी है। 11 दिसंबर से अब तक भारत में सोने की कीमत में 1900 रुपये से अधिक की गिरावट आई है, जबकि चांदी की कीमत में 5 प्रतिशत से ज्यादा की कमी दर्ज की गई है। इस गिरावट का मुख्य कारण डॉलर इंडेक्स में मजबूती और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की आगामी बैठक में संभावित ब्याज दर कटौती बताया जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में कीमतों में और नरमी देखने को मिल सकती है।
भारतीय बाजार में सोने की कीमत
भारत के मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोने की कीमत में मामूली बढ़त दर्ज की गई। फिलहाल सोना 77,110 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा है। कारोबार के दौरान सोने का उच्चतम स्तर 77,199 रुपये और न्यूनतम स्तर 77,088 रुपये तक दर्ज किया गया। सुबह के समय सोना 77,090 रुपये पर खुला।
11 दिसंबर को सोने की कीमत 79,002 रुपये प्रति 10 ग्राम थी। तब से अब तक सोने में 2.42 प्रतिशत (1,914 रुपये) की गिरावट आ चुकी है।
चांदी की कीमत में गिरावट
चांदी की कीमत में भी लगातार गिरावट जारी है। MCX पर चांदी 90,891 रुपये प्रति किलोग्राम पर कारोबार कर रही है। दिन के दौरान चांदी का निम्नतम स्तर 90,920 रुपये दर्ज हुआ, जबकि इसकी शुरुआती कीमत 90,945 रुपये थी।
11 दिसंबर को चांदी की कीमत 95,802 रुपये प्रति किलोग्राम थी। तब से अब तक इसमें लगभग 5 प्रतिशत (4,900 रुपये) की गिरावट दर्ज की जा चुकी है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने-चांदी की स्थिति
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी सोने और चांदी की कीमतों में नरमी देखी जा रही है। कॉमेक्स पर सोने का वायदा 2,671 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा है, जबकि सोने की हाजिर कीमत 2,653.55 डॉलर प्रति औंस दर्ज की गई।
चांदी की स्थिति भी कमजोर रही। कॉमेक्स पर चांदी का वायदा 30.97 डॉलर प्रति औंस और चांदी की हाजिर कीमत 30.49 डॉलर प्रति औंस पर है।
गिरावट के मुख्य कारण
- डॉलर इंडेक्स में मजबूती: डॉलर के मजबूत होने से सोने-चांदी की कीमतों पर दबाव बनता है।
- फेडरल रिजर्व की संभावित ब्याज दर कटौती: ब्याज दरों में कटौती की अटकलों के कारण निवेशक सोने-चांदी की खरीदारी से दूरी बना रहे हैं।
- निवेशकों की सतर्कता: वैश्विक आर्थिक स्थितियों के चलते निवेशक बाजार में बड़े फैसले लेने से बच रहे हैं।
आने वाले दिनों का अनुमान
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती करता है, तो सोने-चांदी की कीमतों में और गिरावट हो सकती है। हालांकि, कुछ निवेशक इस गिरावट को खरीदारी का मौका मानकर निवेश कर सकते हैं।
निष्कर्ष
सोने-चांदी की कीमतों में गिरावट से आम लोगों को राहत मिली है, लेकिन निवेशकों के लिए यह चिंता का विषय बना हुआ है। आने वाले समय में कीमतों की दिशा अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतियों और डॉलर के प्रदर्शन पर निर्भर करेगी।