बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी राज्यव्यापी यात्रा की तैयारी में जुट गए हैं। पहले इस यात्रा का नाम महिला जन संवाद यात्रा रखा गया था, लेकिन अब इसका नाम बदलकर प्रगति यात्रा कर दिया गया है। इसके साथ ही यात्रा की तारीखों में भी बदलाव किया गया है। अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 23 दिसंबर से बिहार के जिलों का दौरा करेंगे। यात्रा का आगाज पश्चिमी चंपारण के बेतिया स्थित बाल्मीकि नगर से होगा।
मुख्यमंत्री की यह यात्रा बिहार के विकास कार्यों की समीक्षा करने के उद्देश्य से की जा रही है। इस दौरान मुख्यमंत्री संबंधित जिलों में समीक्षात्मक बैठकें करेंगे, जहां जिले के प्रभारी मंत्री, स्थानीय मंत्री, जिला पदाधिकारी और अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहेंगे।
यात्रा का शेड्यूल
मुख्यमंत्री के प्रगति यात्रा का प्रथम चरण निम्नलिखित जिलों में आयोजित किया जाएगा:
- 23 दिसंबर: पश्चिमी चंपारण, बेतिया
- 24 दिसंबर: पूर्वी चंपारण, मोतिहारी
- 25 दिसंबर: अवकाश
- 26 दिसंबर: शिवहर और सीतामढ़ी
- 27 दिसंबर: मुजफ्फरपुर
- 28 दिसंबर: वैशाली
बैठक की व्यवस्थाएँ
प्रगति यात्रा के दौरान हर जिले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समीक्षा बैठक करेंगे। इन बैठकों में जिले के प्रभारी मंत्री और स्थानीय मंत्री शामिल होंगे।
मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रधान सचिव/सचिव भी बैठकों में उपस्थित रहेंगे। वहीं अन्य विभागों के मंत्री और अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (VC) के माध्यम से इन बैठकों से जुड़ेंगे।
स्थानीय सांसद, विधायक और पार्षद भी इन समीक्षात्मक बैठकों में स्वेच्छा से भाग ले सकते हैं, लेकिन समीक्षा का मुख्य फोकस विकास कार्यों पर होगा। समीक्षा से जुड़े प्रपत्र बिहार विकास मिशन के माध्यम से जिला अधिकारियों को उपलब्ध कराए जाएंगे।
सुरक्षा और तैयारियों का निर्देश
मुख्यमंत्री की यात्रा के दौरान सुरक्षा की विशेष व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। संबंधित जिलों के जिला पदाधिकारियों को मुख्यमंत्री की यात्रा के लिए सुरक्षा और अन्य आवश्यक व्यवस्थाएँ पूरी करने को कहा गया है। इसके अलावा, जिला अधिकारियों को बैठक के विषयों के संबंध में पूरी तैयारी के साथ समय पर उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया है।
यात्रा का उद्देश्य
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा का मुख्य उद्देश्य विकास कार्यों की समीक्षा करना और सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन का आकलन करना है। मुख्यमंत्री इस दौरान विभिन्न योजनाओं और परियोजनाओं का जमीनी स्तर पर जायजा लेंगे और अधिकारियों से रिपोर्ट लेंगे। इस यात्रा से सरकार को यह पता चलेगा कि विकास कार्य किस हद तक पूरे हो रहे हैं और आम जनता को योजनाओं का लाभ मिल रहा है या नहीं।
नाम परिवर्तन का कारण
मुख्यमंत्री की यात्रा का नाम पहले महिला जन संवाद यात्रा रखा गया था, जिसका उद्देश्य महिलाओं के साथ संवाद स्थापित करना था। लेकिन बाद में इसे व्यापक उद्देश्य के तहत प्रगति यात्रा का नाम दिया गया। यह नाम सरकार के विकास कार्यों की समीक्षा और राज्य में प्रगति के आकलन के दृष्टिकोण को ध्यान में रखकर चुना गया है।
23 दिसंबर से शुरू हो रही प्रगति यात्रा बिहार सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। इससे राज्य में चल रहे विकास कार्यों की प्रगति का जायजा लिया जा सकेगा। साथ ही, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इस यात्रा से प्रशासनिक गतिविधियों में तेजी आएगी और जनता को सरकार की योजनाओं का लाभ सही ढंग से मिलना सुनिश्चित हो सकेगा।