रूस के न्यूक्लियर प्रोग्राम के चीफ इगोर किरिलोव की मॉस्को में हुए एक जोरदार धमाके में मौत हो गई है। इस धमाके में उनके असिस्टेंट की भी जान चली गई। इगोर किरिलोव राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बेहद करीबी माने जाते थे। घटना राष्ट्रपति भवन से मात्र 7 किलोमीटर की दूरी पर हुई, जिससे सुरक्षा को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं।
कैसे हुआ धमाका?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह धमाका तब हुआ जब इगोर किरिलोव अपने अपार्टमेंट से बाहर निकल रहे थे। तभी पास में खड़े एक स्कूटर में विस्फोट हो गया। धमाका इतना तेज था कि आसपास की इमारतें आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गईं। बताया जा रहा है कि धमाके में 300 ग्राम टीएनटी का इस्तेमाल किया गया था। धमाके की तीव्रता इतनी अधिक थी कि घटनास्थल पर ही इगोर किरिलोव और उनके असिस्टेंट की मौत हो गई।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में देखा जा सकता है कि इमारत का मलबा इधर-उधर बिखरा पड़ा है और खून से लथपथ शव मलबे के बीच नजर आ रहे हैं। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पूरे इलाके को घेर लिया है और जांच शुरू कर दी है।
यूक्रेन ने लिया जिम्मा
इस घटना के तुरंत बाद यूक्रेन की सुरक्षा सेवा (SBU) ने दावा किया कि उन्होंने इस हमले को अंजाम दिया है। यूक्रेन की ओर से कहा गया कि इगोर किरिलोव उनकी हिट लिस्ट पर थे क्योंकि उन्होंने यूक्रेनी सेना के खिलाफ प्रतिबंधित केमिकल हथियारों के इस्तेमाल का आदेश दिया था। एक सूत्र ने सीएनएन को बताया, “यह उस व्यक्ति का अंत है जिसने निर्दोष यूक्रेनी नागरिकों को मारा।” हालांकि, रूस ने इन आरोपों का खंडन करते हुए इसे निराधार बताया है।
पुतिन के करीबी और विवादों में किरिलोव
इगोर किरिलोव को अप्रैल 2017 में रूस की न्यूक्लियर फोर्सेज का प्रमुख बनाया गया था। इससे पहले वह देश के रेडिएशन, केमिकल और जैविक हथियार विभाग के भी प्रमुख रह चुके थे। इसी साल अक्टूबर में ब्रिटेन ने उन पर बैन लगाते हुए आरोप लगाया था कि उन्होंने यूक्रेन में रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल की निगरानी की थी।
रूस ने दी बदले की धमकी
इस धमाके के बाद रूस में हलचल मच गई है। रूसी संसद के डिप्टी स्पीकर ने इस हमले को “सोची-समझी योजना” के तहत की गई हत्या करार दिया है। उन्होंने कहा कि “इगोर किरिलोव की मौत का बदला लिया जाएगा।” घटना के बाद रूस में सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं और मॉस्को के अन्य हिस्सों में भी तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।
सुरक्षा को लेकर सवाल
राष्ट्रपति भवन से महज 7 किलोमीटर की दूरी पर हुए इस धमाके ने मॉस्को की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। रूस के लिए यह घटना न केवल एक बड़ा झटका है बल्कि यूक्रेन और रूस के बीच जारी तनाव को और भड़काने का काम कर सकती है।
इगोर किरिलोव की मौत से रूस को अपने न्यूक्लियर कार्यक्रम में बड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता है। वहीं, इस घटना के बाद रूस और यूक्रेन के बीच टकराव और गहराने की संभावना है।