केंद्र सरकार और देश की प्रमुख गैस कंपनियों ने फर्जी गैस कनेक्शन धारकों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब गैस एजेंसियों के डीलरों द्वारा ई-केवाईसी न कराए गए ग्राहकों को गैस सिलेंडर की आपूर्ति रोकने के संकेत मिल रहे हैं।
इंडियन गैस, भारत गैस और हिंदुस्तान गैस कंपनियों के लिए अपने सभी उपभोक्ताओं को ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी करानी अनिवार्य कर दी गई है। इस प्रक्रिया के तहत ग्राहकों के अंगूठे के निशान ई-पीओएस मशीनों पर स्टोर किए जाते हैं और सभी गैस एजेंसियों के कार्यालयों में इनका मिलान किया जा रहा है। यह सुनिश्चित करने के लिए किया जा रहा है कि प्रत्येक ग्राहक की पहचान सही ढंग से की जा सके और सभी फर्जी गैस कनेक्शन रद्द किए जा सकें। इनमें ऐसे गैस कनेक्शन भी शामिल हैं जो कई साल पहले मर चुके ग्राहकों के नाम पर थे, और प्रवासी मजदूरों के नाम पर जिनका अब शहर में कोई ठिकाना नहीं है।
फर्जी कनेक्शन से बचाव और सब्सिडी की दुरुपयोग को रोकने के लिए सरकार की सख्त हिदायतों के बाद गैस कंपनियां अब अपने कनेक्शन धारकों पर सख्त कार्रवाई कर रही हैं। कई मामलों में, एक ही घर में एक से ज्यादा गैस कनेक्शन मिल रहे हैं, जो अब कड़ी निगरानी में हैं।
इंडियन गैस कंपनी के आंकड़ों के अनुसार, अब तक 60 प्रतिशत से अधिक ग्राहकों ने अपनी ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी कर ली है। इसके तहत गैस कंपनियां हर उपभोक्ता को इस प्रक्रिया के तहत लाने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रही हैं। यह कदम इसलिए उठाया जा रहा है ताकि घरेलू गैस के अवैध कारोबार और उसके दुरुपयोग को रोका जा सके। इसके अलावा, ग्राहकों को गैस सिलेंडर की बुकिंग के बाद डीएसी ओटीपी के जरिए सिलेंडर की आपूर्ति देने की प्रक्रिया में भी बदलाव किया जा रहा है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि केवल वे ही उपभोक्ता गैस सिलेंडर प्राप्त करें जिन्होंने ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी की हो।
हालांकि, महानगरों में घरेलू गैस की काले बाजार में बिक्री अभी भी जोरों पर है, जिससे गैस कंपनियों के प्रयासों को चुनौती मिल रही है। इसके बावजूद, गैस कंपनियां इस समस्या से निपटने के लिए अपने प्रयासों को तेज कर रही हैं।
रविंदरपाल सिंह, रविंदरा गैस सर्विस के मालिक, ने बताया कि वे अपनी एजेंसी के कर्मचारियों के माध्यम से ग्राहकों को लगातार जागरूक कर रहे हैं कि वे समय पर अपनी गैस कनेक्शन की ई-केवाईसी करवा लें, ताकि भविष्य में उन्हें गैस सिलेंडर मिलने में कोई परेशानी न हो। उन्होंने सभी घरेलू उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे इस काम में कोई लापरवाही न बरतें, क्योंकि ऐसा करने पर उनके गैस कनेक्शन रद्द किए जा सकते हैं और गैस सिलेंडर की आपूर्ति भी बंद की जा सकती है।
यह कदम सरकार और गैस कंपनियों के प्रयासों को मजबूती प्रदान करेगा, जिससे न केवल गैस सिलेंडर की सही आपूर्ति सुनिश्चित होगी, बल्कि सब्सिडी का सही उपयोग भी सुनिश्चित हो सकेगा। यह देश में घरेलू गैस के अवैध इस्तेमाल और काले बाजार को खत्म करने के दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।