खनौरी बॉर्डर पर पिछले 24 दिनों से अनशन कर रहे किसान नेता सरदार जगजीत सिंह डल्लेवाल की गुरुवार (19 दिसंबर) को तबीयत अचानक बिगड़ गई। मंच पर भाषण देने में असमर्थ डल्लेवाल की हालत दो दिन से नाजुक बनी हुई थी। गुरुवार दोपहर वह बेहोश हो गए और उन्हें तीन-चार बार उल्टियां भी हुईं। फिलहाल उनकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है।
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स्वास्थ्य स्थिति चिंताजनक
अनशन के कारण डल्लेवाल का शरीर लगातार कमजोर हो रहा है। पिछले एक सप्ताह में उनका वजन 11 किलोग्राम कम हो चुका है। तंबू में ही चिकित्सकों द्वारा उनकी नियमित जांच की जा रही है। उच्चतम न्यायालय ने भी डल्लेवाल की गिरती सेहत पर चिंता जाहिर की थी।
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कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने जाना हालचाल
गुरुवार शाम को कांग्रेस के सांसद दीपेंद्र हुड्डा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल खनौरी बॉर्डर पर पहुंचा और डल्लेवाल का हालचाल जाना। हुड्डा ने कहा कि डल्लेवाल की हालत बेहद गंभीर है और सरकार को उनकी मांगों पर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।
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कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा का बयान
सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि किसानों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी समेत अन्य मांगों को लेकर डल्लेवाल का अनशन सरकार की ‘‘हठधर्मिता” के कारण अब तक जारी है। उन्होंने कहा,
> “सरकार को 9 दिसंबर 2021 को किसान संगठनों के साथ हुए समझौते को तुरंत लागू करना चाहिए। किसानों से किया गया वादा अब तक पूरा नहीं हुआ है। सरकार को एमएसपी की गारंटी देने का कानून बनाना चाहिए।”
हुड्डा ने सवाल किया कि क्या देश के किसानों को अपनी मांगें रखने का अधिकार भी नहीं है। उन्होंने सरकार पर किसानों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाते हुए कहा,
> “अगर 101 किसान दिल्ली जाकर अपनी मांगें रखना चाहते हैं तो इसमें सरकार को क्या आपत्ति है?”
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एमएसपी की गारंटी की मांग
हुड्डा ने मांग की कि सरकार बिना किसी देरी के एमएसपी की गारंटी देने का कानून बनाए। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान किए गए वादों को पूरा न करना सरकार की विफलता को दर्शाता है।
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जगजीत सिंह डल्लेवाल की बिगड़ती सेहत ने किसान आंदोलन और एमएसपी की गारंटी की मांग को लेकर सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है। किसानों और विपक्ष की ओर से सरकार से वादे पूरे करने की मांग लगातार तेज हो रही है।