उत्तर प्रदेश के संभल जिले के चंदौसी क्षेत्र में शनिवार को राजस्व विभाग की टीम ने खुदाई के दौरान एक विशालकाय प्राचीन बावड़ी का खुलासा किया है। यह बावड़ी लक्ष्मण गंज क्षेत्र में मिली है, जो 1857 से पहले हिंदू बाहुल्य क्षेत्र माना जाता था। इस क्षेत्र में पहले सैनी समाज के लोग निवास करते थे, लेकिन अब यहां मुस्लिम आबादी का दबदबा है।
कैसे हुआ खुलासा?
46 साल पुराने एक मंदिर के मिलने के बाद स्थानीय प्रशासन को एक शिकायती पत्र मिला था। इसमें आरोप लगाया गया था कि लक्ष्मण गंज में बिलारी की रानी की एक बावड़ी थी, जो अब मिट्टी में दब चुकी है। डीएम ने शिकायत पर संज्ञान लेते हुए राजस्व विभाग को जांच के आदेश दिए।
शनिवार को नायब तहसीलदार धीरेन्द्र सिंह राजस्व विभाग की टीम के साथ नक्शे लेकर मौके पर पहुंचे। लक्ष्मण गंज में जब खुदाई शुरू हुई, तो जमीन से प्राचीन इमारत के अवशेष मिलने लगे। यह इमारत दो मंजिला है और इसके साथ एक कुआं और तालाब भी मिले हैं। अधिकारियों का कहना है कि यहां एक सुरंग मिलने की संभावना भी है।
राजस्व विभाग की प्रतिक्रिया
नायब तहसीलदार धीरेन्द्र सिंह ने बताया कि खुदाई के दौरान एक विशालकाय प्राचीन संरचना का पता चला है। अभिलेखों में बावड़ी के कुएं और तालाब का उल्लेख मिलता है। यह बावड़ी पूरी तरह मिट्टी के नीचे दब गई थी। अब इसकी सफाई और आगे की जांच का काम किया जा रहा है। नक्शे के आधार पर आगे की खुदाई की योजना बनाई जा रही है।
भारतीय पुरातत्व विभाग (ASI) का सर्वेक्षण
संभल में भारतीय पुरातत्व विभाग (ASI) की टीम भी सक्रिय हो गई है। शनिवार को ASI की टीम ने चंदौसी और संभल के कई प्राचीन स्थलों का सर्वे किया। टीम ने कल्कि मंदिर और उसके परिसर का निरीक्षण किया। मंदिर में स्थित प्राचीन कृष्ण कूप, गुंबद और अन्य संरचनाओं का बारीकी से सर्वे किया गया।
ASI टीम ने पांच अलग-अलग लोकेशन का निरीक्षण किया, जिसमें 19 कुएं और 5 तीर्थस्थल शामिल हैं। इससे पहले शुक्रवार को टीम ने लाडम सराय स्थित प्राचीन मंदिर में पत्थरों और अन्य संरचनाओं का सर्वेक्षण किया था।
सुरक्षा और गोपनीयता
स्थानीय प्रशासन ने इन गतिविधियों को सुरक्षा कारणों के मद्देनजर गोपनीय रखा है। अधिकारियों का कहना है कि किसी भी प्रकार की ऐतिहासिक संपत्ति को नुकसान से बचाने के लिए यह कदम उठाया गया है।
स्थानीय प्रतिक्रिया और संभावनाएं
स्थानीय निवासियों के अनुसार, यह क्षेत्र ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण रहा है। बावड़ी और अन्य प्राचीन संरचनाओं के मिलने से यहां के इतिहास के नए पहलुओं का खुलासा हो सकता है। प्रशासन का मानना है कि इन खोजों से क्षेत्र का सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व और अधिक बढ़ेगा।
आगे की प्रक्रिया
अब प्रशासन और पुरातत्व विभाग मिलकर इन प्राचीन संरचनाओं की जांच करेंगे। बावड़ी के आसपास की खुदाई जारी है, ताकि इसके पूरे स्वरूप का पता लगाया जा सके। वहीं, अन्य प्राचीन स्थलों की पहचान और संरक्षण के लिए भी काम किया जा रहा है।
संभल की यह खोज इतिहासकारों और पुरातत्वविदों के लिए बड़ी उपलब्धि साबित हो सकती है। इससे क्षेत्र के समृद्ध इतिहास और संस्कृति के बारे में कई अनसुने तथ्य सामने आ सकते हैं।