पंजाब सरकार द्वारा नाजायज कॉलोनियों में बिजली के नए मीटर लगवाने के लिए हाल ही में जारी किए गए नोटिफिकेशन के बाद अब बिजली के नए मीटर के लिए आवेदन करने वाले परिवारों की संख्या में बाढ़ सी आ गई है। पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन (PSPCL) द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर 2023 के मुकाबले जनवरी 2024 में बिजली मीटर लगाने के आवेदन तीन गुना बढ़ गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, एक महीने में लुधियाना के शहरी क्षेत्रों से 9,140 आवेदन मिले हैं, जबकि सामान्यत: यह आंकड़ा 2,910 तक रहता था।
पावर कॉर्पोरेशन के चीफ इंजीनियर, जगदेव सिंह हांस ने बताया कि पंजाब सरकार और बिजली विभाग के उच्च अधिकारियों द्वारा नाजायज कॉलोनियों में बिजली के मीटर लगाने के लिए एनओसी (No Objection Certificate) की शर्त समाप्त कर दी है। इससे उपभोक्ताओं में जोश भर गया है और लोग बड़ी संख्या में पावर कॉर्पोरेशन के पास नए मीटर के लिए आवेदन कर रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि इससे पावर कॉर्पोरेशन को केवल राजस्व में वृद्धि नहीं होगी, बल्कि बिजली चोरी में भी कमी आएगी। ज्यादातर अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले परिवारों ने अभी तक बिजली के मीटर नहीं लगवाए थे और वे जुगाड़ के जरिए बिजली चोरी कर रहे थे, जिससे पावर कॉर्पोरेशन को भारी नुकसान हो रहा था। अब मीटर लगाने से इस नुकसान में कमी आएगी और साथ ही विभाग को राजस्व का लाभ मिलेगा।
हालांकि, इस प्रक्रिया में एक समस्या यह आ रही है कि कई आवेदनकर्ता पावर कॉर्पोरेशन के कार्यालयों और संबंधित सुविधा केंद्रों में जाकर अपनी फाइलें पूरी नहीं कर पा रहे हैं। वहां के कर्मचारी उन्हें दस्तावेज़ पूरे न होने का बहाना बनाकर वापस भेज रहे हैं, जिससे आवेदनकर्ताओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसके बावजूद, कुछ लोग सिफारिशों या अन्य तरीके अपनाकर अपनी फाइलें पूरी करने में सफल हो रहे हैं।
एक और बड़ी चुनौती यह है कि जिन लोगों ने अपने नए घरों में बिजली मीटर लगवाने के लिए आवेदन किया है, उन्हें कई महीनों तक इंतजार करना पड़ सकता है। पावर कॉर्पोरेशन के पास इस समय बड़ी संख्या में आवेदन प्राप्त हो चुके हैं, और यह अनुमान है कि इन लोगों को मीटर लगाने के लिए कम से कम 6 महीने का लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।
इस पूरी प्रक्रिया में एक तरफ जहां सरकार और पावर कॉर्पोरेशन को आर्थिक लाभ मिलेगा, वहीं दूसरी तरफ उपभोक्ताओं को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। इसके बावजूद, इस कदम से बिजली चोरी में कमी और उपभोक्ताओं को बिजली की वैध आपूर्ति मिलनी सुनिश्चित होगी, जिससे राज्य में बिजली के मामले में सुधार होने की संभावना जताई जा रही है।