सीतामढ़ी जिले में चार साल से बंद पड़ी रीगा चीनी मिल 26 दिसंबर को फिर से चालू होने जा रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी और बिहार के दोनों उपमुख्यमंत्री संयुक्त रूप से इसका उद्घाटन करेंगे। चीनी मिल के मुख्य महाप्रबंधक पी. देवराजुलु ने इस बात की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि तीन वर्षों के भीतर इस मिल का विस्तार किया जाएगा, जिससे किसान, स्थानीय कारोबारी और मिल प्रबंधन को बड़ा लाभ मिलेगा।
मिल में होगा बड़ा विस्तार
रीगा चीनी मिल के मुख्य महाप्रबंधक ने बताया कि मिल की पेराई क्षमता को 5000 टीसीडी से बढ़ाकर 10,000 टीसीडी किया जाएगा। इसके अलावा डिस्टिलरी का विस्तार 45 केएलपीडी से 545 केएलपीडी तक और बिजली उत्पादन क्षमता 11 मेगावाट से 50 मेगावाट तक बढ़ाई जाएगी। साथ ही, प्रेस्डमड से 20 टीडीपी सीबीजी (कंप्रेस्ड बायो गैस प्लांट) की स्थापना की जाएगी।
उन्होंने यह भी बताया कि मिल में पहले काम करने वाले सभी मजदूरों को वापस सेवा में लिया जाएगा और किसी का रोजगार नहीं छिनेगा। इसके अलावा, गन्ना किसानों को नई प्रजातियों के बीज और खेती की तकनीकी जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।
नए मालिक ने निभाया वादा
रीगा चीनी मिल के नए मालिक, मरूगेश आर. निरानी, जो मेसर्स निरानी शुगर, बेंगलुरु के चेयरमैन हैं, ने कुछ महीने पहले वादा किया था कि दिसंबर में मिल को हर हाल में चालू कर दिया जाएगा। उन्होंने अपने वादे को निभाते हुए 26 दिसंबर को मिल को फिर से चालू करने का निर्णय लिया।
मरूगेश निरानी पिछले 25 वर्षों से चीनी उद्योग में सक्रिय हैं और खुद किसान परिवार से आते हैं। उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य किसानों और कामगारों के हित में काम करना है। उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि गन्ना आपूर्ति के एवज में किसानों को हर सप्ताह समय पर भुगतान किया जाएगा, जो पहले सबसे बड़ी समस्या थी।
मिल चालू होने से क्षेत्र में आएगा बदलाव
रीगा चीनी मिल के फिर से चालू होने से क्षेत्र के करीब 40,000 गन्ना किसानों और हजारों कामगारों को राहत मिलेगी। इसके साथ ही छोटे-बड़े दुकानदार, व्यापारी और वाहन कारोबारी भी लाभान्वित होंगे। पिछले चार सालों से बंद पड़े इस मिल के कारण 5 लाख से अधिक की आबादी प्रभावित हुई थी, जिन्हें रोजी-रोटी की समस्या का सामना करना पड़ा।
मुख्य महाप्रबंधक के अनुसार, मिल को नई तकनीक से लैस किया जाएगा। इसके अलावा, स्थानीय कामगारों को रोजगार प्राथमिकता दी जाएगी। गौरतलब है कि कर्नाटक में निरानी के स्वामित्व वाली चीनी मिलों में भी 30% कामगार बिहार से हैं।
गन्ना किसानों को उम्मीदें
पिछले मालिकों के कार्यकाल में समय पर भुगतान न मिलने के कारण गन्ना किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। नई प्रबंधन टीम ने समय पर भुगतान का आश्वासन देकर किसानों में नई उम्मीदें जगाई हैं। साथ ही, बिजली उत्पादन क्षमता बढ़ाने से स्थानीय क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति भी बेहतर होगी।
प्रशासन ने की तैयारियां
26 दिसंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के उद्घाटन कार्यक्रम को लेकर जिला प्रशासन ने तैयारियां तेज कर दी हैं। जिलाधिकारी रिची पांडेय समेत अन्य अधिकारी मिल का लगातार निरीक्षण कर रहे हैं।
चार साल की परेशानी का होगा अंत
पिछले चार सालों से मिल के बंद रहने से किसानों और स्थानीय लोगों को काफी मुश्किलें झेलनी पड़ीं। रीगा चीनी मिल के चालू होने से न केवल किसानों की समस्याओं का समाधान होगा, बल्कि क्षेत्र की आर्थिक स्थिति में भी सुधार आएगा। लोग उम्मीद कर रहे हैं कि मिल का विस्तार और नई तकनीक से सुसज्जित होने से पुराने दिन वापस आएंगे।
रीगा चीनी मिल का फिर से चालू होना इस क्षेत्र के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। यह न केवल किसानों और कामगारों के लिए राहत लेकर आएगा, बल्कि पूरे क्षेत्र के आर्थिक विकास को भी नई गति देगा।