पंजाब सरकार ने 2024 में जल प्रबंधन और कृषि बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण प्रगति की है। भूमि और जल प्रबंधन विभाग के तहत किए गए प्रयासों ने स्थायी जल प्रबंधन की दिशा में कई कदम उठाए हैं। इस संबंध में, भूमि और जल प्रबंधन मंत्री ब्रिंदर कुमार गोयल ने बताया कि राज्य में जल बचाने के लिए कई प्रभावी परियोजनाएं लागू की गई हैं, जो भूमिगत जल को बचाने और पर्यावरण स्थिरता सुनिश्चित करने में मदद कर रही हैं। इन परियोजनाओं का उद्देश्य पंजाब के सिंचाई क्षेत्रों को नई दिशा देना है।
ब्रिंदर कुमार गोयल ने कहा कि स्थायी जल प्रबंधन के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता के तहत कई महत्वपूर्ण प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे सीधे तौर पर किसानों को लाभ मिल रहा है। उन्होंने बताया कि 2024 में कृषि उत्पादकता बढ़ाने के साथ-साथ पानी का उचित उपयोग सुनिश्चित करना राज्य सरकार का अहम उद्देश्य रहा है।
गोयल ने यह भी जानकारी दी कि राज्य में जल प्रबंधन के लिए दो नए NABARD funded प्रोजेक्ट्स शुरू किए गए हैं, जिनकी लागत 277.57 करोड़ रुपये है। इन परियोजनाओं के तहत लगभग 40,000 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इन परियोजनाओं में भूमि के नीचे पाइपलाइन आधारित सिंचाई नेटवर्क का विस्तार किया जा रहा है, जो सतही जल के वैकल्पिक स्रोतों को बढ़ावा देने का काम करेगा। इसके अलावा, 50 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश वाले इन परियोजनाओं के तहत, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट्स से 67 MLD treated पानी का उपयोग किया जा रहा है, जिससे 2,233 हेक्टेयर भूमि को लाभ मिल रहा है।
मंत्री ने बताया कि सिंचाई की सुविधा को अंतिम छोर तक पहुंचाने के लिए विभाग ने 860 किलोमीटर पाइपलाइन बिछाई है, जिससे 10,841 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई की सुविधा प्राप्त हो रही है। इस पहल के तहत, किसानों को 90 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जा रही है, जबकि व्यक्तिगत किसानों को 50 प्रतिशत सब्सिडी मिल रही है। इसके साथ ही, 90 प्रतिशत सब्सिडी के साथ लगभग 1,874 हेक्टेयर क्षेत्र को टपकन और फव्वारा सिंचाई प्रणालियों के तहत लाया गया है।
इसके अलावा, राज्य ने भूमिगत जल की अत्यधिक खपत को रोकने के लिए 27 गांवों में सोलर-लिफ्ट सिंचाई परियोजनाएं शुरू की हैं, जिनसे ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की बचत की जा सकेगी। बारिश के पानी को बचाने और बाढ़ की रोकथाम के लिए राज्य के निचले पहाड़ी क्षेत्रों में 42 जल संचयन और पुनः चार्जिंग संरचनाओं और चेक डेमों का निर्माण किया गया है।
ब्रिंदर कुमार गोयल ने बताया कि 2024 में राज्य में पहली बार कई समर्पित कार्यक्रमों की शुरुआत की गई है, जिनमें नहरों और गांवों के नलकों से सतही पानी के अधिकतम उपयोग, चेक डेम का निर्माण, मिट्टी और भूमि सुरक्षा, बाढ़ से बचाव और छतों पर वर्षा जल पुनः चार्जिंग पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। इन पहलों से राज्य के किसानों को लाभ मिलेगा और जल प्रबंधन में सुधार होगा।
मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार की इन पहलुओं के माध्यम से न केवल तत्काल सिंचाई जरूरतों को पूरा किया जाएगा, बल्कि पंजाब के किसानों के लिए जल सुरक्षा को भी सुनिश्चित किया जाएगा, जिससे कृषि क्षेत्र में स्थिरता बनी रहेगी।