दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले राजधानी में राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर गर्मा गया है। आम आदमी पार्टी (AAP) की सीनियर नेता और दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने बीजेपी नेता प्रवेश वर्मा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आतिशी ने एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि बीजेपी नई दिल्ली विधानसभा सीट पर वोटर कार्ड देखकर लोगों को पैसे बांट रही है। उनका कहना था कि बीजेपी के नेता प्रवेश वर्मा को रंगे हाथों पैसे बांटते हुए पकड़ा गया है।
आतिशी ने इस मामले में एक फोटो भी जारी किया और दावा किया कि बीजेपी नेता प्रवेश वर्मा के सरकारी आवास, 20 विंडसर प्लेस, पर महिलाओं को 1100 रुपए दिए जा रहे हैं। आतिशी ने कहा, “प्रवेश वर्मा ने झुग्गी-बस्तियों से महिला वोटर्स को बुलवाकर उनके वोटर आईडी चेक कराए और फिर उन्हें लिफाफे में पैसे दिए।” उन्होंने आरोप लगाया कि यह पूरी प्रक्रिया चुनावी खरीद-फरोख्त की है और इसको रोकने के लिए ईडी, सीबीआई और दिल्ली पुलिस से प्रवेश वर्मा के घर पर छापा मारने की अपील की है।
आतिशी ने आगे कहा, “प्रवेश वर्मा के घर पर करोड़ों रुपए कैश पड़े हैं। अगर छापा मारा जाए तो बीजेपी की सच्चाई सामने आ जाएगी।” उन्होंने चुनाव आयोग से भी मांग की कि प्रवेश वर्मा को तुरंत गिरफ्तार किया जाए, क्योंकि उनके घर में अवैध रूप से कैश मौजूद है और यह बीजेपी की पोल खोलने वाला सबूत है।
आतिशी ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वर्मा के सरकारी बंगले का गलत उपयोग किया जा रहा है, ताकि चुनावी फायदे के लिए गरीब महिलाओं को लुभाया जा सके। उन्होंने दावा किया कि यह बीजेपी की साजिश का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य चुनावी परिणाम को प्रभावित करना है।
वहीं, इन आरोपों पर बीजेपी नेता प्रवेश वर्मा ने प्रतिक्रिया दी और इसे झूठा करार दिया। उन्होंने कहा, “मेरे पिताजी ने राष्ट्रीय स्वाभिमान संस्था की स्थापना 25 साल पहले की थी। हमारी संस्था ने कई मानवता कार्य किए हैं, जैसे गुजरात में आए दो भूकंप के बाद हमने वहां दो गांवों का पुनर्निर्माण किया था और ओडिशा में भी चार गांव बसाए थे।” वर्मा ने कहा कि उनकी संस्था जरूरतमंदों की मदद करती है और उनकी संस्था का उद्देश्य हमेशा गरीबों की सेवा करना है।
उन्होंने यह भी कहा कि कारगिल युद्ध के बाद उनके पिताजी ने शहीदों के परिवारों को बुलाकर उन्हें एक-एक लाख रुपए दिए थे। उनका कहना था कि उनकी संस्था लंबे समय से समाज सेवा का काम कर रही है और आरोपों का कोई आधार नहीं है।
यह मामला दिल्ली चुनाव के पहले राजनीतिक तनाव को और बढ़ा सकता है, जहां दोनों पार्टियां एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रही हैं। अब यह देखना होगा कि चुनाव आयोग इस पर क्या कदम उठाता है और क्या इस मामले में कोई जांच शुरू होती है।