शेयर बाजार में भारी बिकवाली के कारण शुक्रवार (10 जनवरी) को निफ्टी, मिडकैप और स्मालकैप इंडेक्स में गिरावट दर्ज की गई। यह गिरावट लगातार तीसरे दिन रही और बाजार लाल निशान पर बंद हुआ। निफ्टी 95 अंक गिरकर 23,431.50 पर बंद हुआ, जबकि सैंसेक्स में 241.30 अंकों की गिरावट दर्ज की गई और यह 77,378.91 पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी बैंक 769 अंक गिरकर 48,734 पर बंद हुआ।
सेंसेक्स में 8 स्टॉक्स में वृद्धि देखने को मिली, जबकि 22 स्टॉक्स में गिरावट आई। दिन की शुरुआत में, सेंसेक्स 62 अंक ऊपर 77,682 पर खुला, निफ्टी 25 अंक चढ़कर 23,551 पर खुला और बैंक निफ्टी 77 अंक गिरकर 49,426 पर खुला था। लेकिन इसके बाद, बाजार में गिरावट बढ़ने लगी।
इस दिन IT इंडेक्स में जबरदस्त वृद्धि दर्ज की गई। शुरुआती समय में सूचकांक में 2.5% से अधिक का उछाल देखा गया। रियल्टी, ऑयल एंड गैस इंडेक्स में भी वृद्धि रही। दूसरी ओर, FMCG, PSU बैंक और ऑटो सेक्टर में सबसे ज्यादा दबाव देखा गया। निफ्टी पर TCS, टेक महिंद्रा, विप्रो, इंफोसिस, HCL टेक ने सबसे ज्यादा लाभ कमाया। वहीं, इंडसइंड बैंक, BHEL, NTPC, टाटा कंज्यूमर, SBI में सबसे ज्यादा गिरावट आई।
अमेरिकी बाजार कल बंद रहे, लेकिन अमेरिकी वायदा में कमजोरी देखी गई। अमेरिका में दिसंबर के रोजगार आंकड़ों से पहले, डाओ फ्यूचर्स 150 अंक कमजोर दिखा और निक्केई 300 अंक गिर गया। गिफ्ट निफ्टी भी 54 अंक गिरकर 23,592 के आसपास रहा।
कल की तेज गिरावट में, एफआईआई (फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स) ने 12,800 करोड़ रुपये की सूचकांक और स्टॉक फ्यूचर्स की बड़ी बिक्री की, जबकि घरेलू फंड्स ने लगातार 17वें दिन 7,600 करोड़ रुपये की बड़ी खरीदारी की।
बाजार में गिरावट का प्रमुख कारण विदेशी निवेशकों द्वारा की गई बड़ी बिकवाली बताई जा रही है। इसके अलावा, घरेलू निवेशकों की खरीदारी ने बाजार को एक हद तक संभाला, लेकिन बाजार में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रही। निफ्टी के 36 स्टॉक्स गिरावट में रहे, जबकि केवल 14 स्टॉक्स में वृद्धि देखी गई।
विश्लेषकों का मानना है कि बाजार में यह अस्थिरता कुछ समय तक बनी रह सकती है, लेकिन अगर घरेलू निवेशकों की खरीदी का सिलसिला जारी रहा तो बाजार में सुधार की संभावना हो सकती है। साथ ही, अमेरिकी बाजार और वैश्विक संकेतकों का भी भारतीय शेयर बाजार पर असर पड़ेगा।
हालांकि, बाजार में आई गिरावट के बावजूद कुछ सेक्टरों में वृद्धि का सिलसिला जारी रहा, जो इस बात का संकेत है कि बाजार में संतुलन बने रहने की संभावना है। आने वाले दिनों में, निवेशकों को अधिक सतर्कता बरतने की सलाह दी जा रही है, खासकर तब जब अमेरिकी और वैश्विक बाजारों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।