आज पंजाब की आम आदमी पार्टी (AAP) के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से मुलाकात की। इस दौरान चंडीगढ़ में मुख्य सचिव नियुक्त करने के केंद्र सरकार के फैसले का कड़ा विरोध किया गया। प्रतिनिधिमंडल में पार्टी के पंजाब अध्यक्ष अमन अरोड़ा और वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा प्रमुख रूप से मौजूद थे।
पंजाब के साथ हो रहा भेदभाव
इस बैठक के बाद, AAP नेता अमन अरोड़ा ने मीडिया को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ में मुख्य सचिव की नियुक्ति करना केंद्र का पंजाब के अधिकारों को छीनने का प्रयास है। अरोड़ा ने कहा, “केंद्र सरकार पंजाब के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है, जिसे हम किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे। पंजाब के अधिकारों पर हो रहे इस हमले के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी।”
पंजाब के अधिकारों की रक्षा करेंगे
वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने भी केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पंजाब के अधिकारों को खत्म करने की कोशिश हो रही है। चीमा ने कहा, “हम केंद्र के इस रवैये को बर्दाश्त नहीं करेंगे। पंजाब के हितों की रक्षा के लिए हम दिल्ली तक इस मुद्दे को उठाएंगे और हर मंच पर अपनी आवाज बुलंद करेंगे।”
AAP का केंद्र पर गंभीर आरोप
अमन अरोड़ा ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब केंद्र सरकार ने पंजाब के साथ भेदभाव किया है। उन्होंने कहा, “यह फैसला पंजाब को कमजोर करने की साजिश का हिस्सा है। केंद्र सरकार लगातार हमारे अधिकारों को सीमित करने की कोशिश कर रही है। पंजाब के लोगों ने हमें उनके अधिकारों की रक्षा के लिए चुना है, और हम इस जिम्मेदारी को पूरी तरह निभाएंगे।”
आंदोलन की तैयारी
AAP नेताओं ने यह भी संकेत दिया कि अगर केंद्र सरकार ने अपना रवैया नहीं बदला, तो पार्टी राज्य के हर जिले में प्रदर्शन करेगी। “हमारे पास हर विकल्प खुला है। पंजाब की जनता को भी इस लड़ाई में हमारे साथ खड़ा होना होगा। केंद्र सरकार को यह समझना चाहिए कि पंजाब अपने अधिकारों से समझौता नहीं करेगा,” हरपाल चीमा ने कहा।
पंजाब बनाम केंद्र विवाद
पंजाब और केंद्र सरकार के बीच अधिकारों को लेकर विवाद कोई नया नहीं है। AAP ने इसे “पंजाब के स्वाभिमान की लड़ाई” बताया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि यह मामला आने वाले दिनों में किस दिशा में आगे बढ़ता है और क्या केंद्र सरकार पंजाब सरकार की मांगों पर कोई प्रतिक्रिया देती है।