पंजाब सरकार ने राज्य में व्यावसायिक शिक्षा और कौशल विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल शुरू की है। मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार शिक्षा को विकास का आधार मानते हुए स्कूलों से लेकर कॉलेजों तक शैक्षणिक सुविधाओं में सुधार पर ध्यान केंद्रित कर रही है। शिक्षा और तकनीकी शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस के अनुसार, छह औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (ITI) को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में परिवर्तित करने की एक महत्वाकांक्षी योजना पर काम किया जा रहा है। यह परियोजना युवाओं और महिलाओं को बेहतर कौशल प्रदान कर उनके भविष्य को उज्जवल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (MoU) पर हस्ताक्षर
अक्टूबर 2024 में राज्यसभा सदस्य विक्रमजीत सिंह साहनी और शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने इस परियोजना को मूर्त रूप देने के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए। इस पहल के लिए साहनी ने ₹11 करोड़ की वित्तीय सहायता देने का वादा किया है, जिसमें से ₹2.5 करोड़ पहले ही जारी किए जा चुके हैं।
महिलाओं के सशक्तिकरण पर जोर
इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाना है। इसके तहत मोहाली ITI में एयर होस्टेस प्रशिक्षण, ब्यूटी वेलनेस प्रोग्राम और जूनियर नर्स प्रशिक्षण जैसे कोर्स शुरू किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, ड्रोन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर भी कोर्स उपलब्ध कराए जाएंगे।
तीन वर्ल्ड-क्लास स्किल सेंटर की स्थापना
इसके अलावा, विक्रमजीत सिंह साहनी पटियाला, जालंधर और लुधियाना में तीन वर्ल्ड-क्लास स्किल सेंटर स्थापित कर रहे हैं। इन सेंटरों में 5,000 से अधिक युवाओं को मुफ्त कौशल प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे।
तकनीकी शिक्षा में सुधार
शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने बताया कि तकनीकी शिक्षा विभाग पंजाब के युवाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण देने में जुटा हुआ है, लेकिन तेजी से हो रहे तकनीकी विकास के चलते कुछ चुनौतियां बनी हुई हैं। इस नई पहल के जरिए इन कमियों को दूर करने का प्रयास किया जाएगा।
औद्योगिक भागीदारी पर जोर
लुधियाना, पटियाला, मोहाली, सुनाम और लालड़ू में स्थित ITI संस्थानों को अब स्थानीय उद्योगों से जोड़ा जाएगा। यह कदम छात्रों को बेहतर प्रशिक्षण और प्लेसमेंट के लिए उद्योगों के साथ साझेदारी को मजबूत करेगा।
ड्रोन अकादमी की स्थापना
लालड़ू और मंकीपुर शरीफ ITI को ड्रोन अकादमी में परिवर्तित किया जाएगा। इसके लिए ITI संस्थानों में सीटों की संख्या 28,000 से बढ़ाकर 35,000 की जाएगी।
बेरोजगारी और नशा मुक्ति की दिशा में पहल
यह परियोजना न केवल युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान करेगी, बल्कि औद्योगिक इकाइयों को कुशल श्रमिक भी उपलब्ध कराएगी। इससे राज्य में बेरोजगारी कम होगी और नशा मुक्त समाज बनाने की दिशा में भी प्रगति होगी।
पंजाब सरकर की यह पहल शिक्षा और कौशल विकास को बढ़ावा देकर राज्य के युवाओं को एक बेहतर भविष्य प्रदान करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। ITI संस्थानों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में बदलने और महिलाओं को कौशल प्रशिक्षण के जरिए सशक्त बनाने से राज्य में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद है।