पंजाब पुलिस के जवान हरशवीर सिंह का बीते दिन इलाज के दौरान अस्पताल में निधन हो गया। हरशवीर सिंह सड़क सुरक्षा फोर्स में तैनात थे और ड्यूटी के दौरान एक सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उनकी इस दुखद मौत पर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए उनके परिवार को 1 करोड़ रुपए की सरकारी सहायता देने की घोषणा की। इसके साथ ही, एचडीएफसी बैंक ने भी जीवन बीमा योजना के तहत परिवार को 1 करोड़ रुपए अलग से देने की बात कही है।
कैसे हुआ हादसा?
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बताया कि यह दुखद घटना भवानीगढ़ के बालद कैंचियां इलाके में हुई। हरशवीर सिंह और उनके साथी एसएसएफ (सड़क सुरक्षा फोर्स) की गाड़ी में ड्यूटी पर तैनात थे, जब समाना की ओर से आ रही एक तेज रफ्तार स्विफ्ट कार, जिसका चालक नशे में था, लापरवाही से एसएसएफ की गाड़ी पर चढ़ गई। हादसे के दौरान हरशवीर सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें पहले पटियाला और फिर पीजीआई चंडीगढ़ ले जाया गया। लेकिन इलाज के दौरान शुक्रवार और शनिवार की दरमियानी रात उनका निधन हो गया।
मुख्यमंत्री ने दी संवेदना और अपील
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हरशवीर सिंह के परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा, “हरशवीर सिंह ने दूसरों की जान बचाने के लिए अपनी जान गंवा दी। उनका यह बलिदान कभी भुलाया नहीं जा सकता। उनके परिवार को राज्य सरकार की ओर से 1 करोड़ रुपए की सहायता राशि दी जाएगी और एचडीएफसी बैंक से भी जीवन बीमा योजना के तहत 1 करोड़ रुपए मिलेंगे।”
उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की कि घने कोहरे और ठंड के मौसम में यात्रा के दौरान सावधानी बरतें। उन्होंने कहा, “सड़क पर सावधानी बरतना हर किसी की जिम्मेदारी है, क्योंकि हर जान कीमती है।”
हरशवीर सिंह का परिवार और अंतिम संस्कार
25 वर्षीय हरशवीर सिंह पंजाब के भवानीगढ़ के दशमेश नगर के निवासी थे। वे अपने माता-पिता के इकलौते बेटे थे और हाल ही में 2023 में पंजाब पुलिस में भर्ती हुए थे। उनकी मौत ने पूरे परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया। उनके पिता सुखबीर सिंह और परिवार के अन्य सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल था। हर कोई कह रहा था कि दूसरों की जान बचाते-बचाते आज हरशवीर ने अपनी जान गंवा दी।
शनिवार दोपहर भवानीगढ़ के श्मशान घाट में हरशवीर सिंह का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया। डीएसपी राहुल कौशल की अगुवाई में भवानीगढ़ थाने के इंचार्ज गुरनाम सिंह और पुलिस टुकड़ी ने उन्हें अंतिम सलामी दी।
नशे के कारण हादसे ने झकझोरा
यह हादसा उस समय हुआ जब नशे में धुत एक लापरवाह चालक ने हरशवीर की गाड़ी को टक्कर मारी। इस घटना ने समाज में नशे के खतरों पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। हर कोई यह सोचने पर मजबूर है कि नशे और लापरवाही के चलते कितनी जिंदगियां बर्बाद हो रही हैं।
हरशवीर सिंह का बलिदान प्रेरणा
हरशवीर सिंह ने समाज की सेवा और दूसरों की जिंदगियां बचाने का जो संकल्प लिया था, वह हर पुलिसकर्मी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनके बलिदान ने दिखाया कि कर्तव्य के प्रति समर्पण क्या होता है। राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन ने उनके परिवार के साथ खड़े होने का वादा किया है।