पंजाब के वित्त, आबकारी और कर मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने आज बताया कि मोहाली आबकारी टीम और मोहाली पुलिस के विशेष ऑपरेशन ग्रुप ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए हंडेसरा के पास एक ट्रक को रोककर उसमें से “सिर्फ चंडीगढ़ में बिक्री के लिए” चिह्नित 220 शराब की पेटियां जब्त की हैं। यह कार्रवाई चंडीगढ़ (यू.टी.) से पंजाब में शराब की तस्करी से जुड़े अपराधों पर लगाम लगाने के लिए पिछले कुछ दिनों से चलाए जा रहे विशेष अभियान का हिस्सा है।
मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि हाल ही में इस अभियान के तहत चंडीगढ़ से पंजाब में शराब की तस्करी के खिलाफ यह छठी बड़ी कार्रवाई है। इस मामले में 11 जनवरी को पंजाब आबकारी अधिनियम, 1914 की धारा 61(1)(14) और 78(2) के तहत एफआईआर नंबर 01 थाने हंडेसरा में दर्ज की गई है। इसके अलावा, चंडीगढ़ से शराब तस्करी के अन्य मामलों में मोहाली जिले के विभिन्न थानों में छह और एफआईआर दर्ज की गई हैं। इन मामलों में विभिन्न ब्रांडों की 42 पेटियां भी जब्त की गई हैं।
तस्करी के मामलों में लगातार कार्रवाई
हरपाल सिंह चीमा ने आगे बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान 31 दिसंबर 2024 तक चंडीगढ़ से शराब तस्करी के संबंध में कुल 114 एफआईआर दर्ज की गईं। इन मामलों में 30,096 शराब की बोतलें बरामद की गईं। उन्होंने कहा कि आबकारी विभाग और पंजाब पुलिस शराब तस्करी के प्रति “ज़ीरो टॉलरेंस” की नीति अपना रहे हैं।
मंत्री ने कहा कि पंजाब पुलिस के निरंतर सहयोग से यह अभियान और तेज किया जाएगा। शराब तस्करी में शामिल किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी, चाहे वह कोई भी हो।
तस्करी रोकने की प्रतिबद्धता
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि पंजाब आबकारी अधिनियम, 1914 के तहत शराब की तस्करी गैरकानूनी और दंडनीय अपराध है। यह राज्य के राजस्व के लिए हानिकारक है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि इस तरह की गतिविधियों में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा और कानून के अनुसार सख्त दंड दिया जाएगा।
उन्होंने पंजाब के नागरिकों से अपील की कि यदि उन्हें इस तरह की किसी भी गतिविधि की जानकारी मिले, तो तुरंत विभाग को सूचित करें। इससे न केवल राज्य को आर्थिक नुकसान से बचाया जा सकेगा, बल्कि अवैध गतिविधियों पर भी लगाम लगेगी।
16,000 करोड़ के राजस्व का लक्ष्य
पंजाब सरकार ने शराब तस्करी रोकने और आबकारी राजस्व बढ़ाने के लिए 16,000 करोड़ रुपये के निवेश की योजना बनाई है। इस निवेश का उद्देश्य न केवल राज्य के वित्तीय स्वास्थ्य को सुधारना है, बल्कि अवैध गतिविधियों को पूरी तरह खत्म करना भी है।
हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि शराब तस्करी को रोकने के लिए आधुनिक तकनीक और निगरानी तंत्र का उपयोग किया जा रहा है। पुलिस और आबकारी विभाग द्वारा बनाए गए संयुक्त टीम व स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप इन मामलों में तुरंत कार्रवाई कर रहे हैं।
लोगों से सहयोग की अपील
मंत्री ने अंत में कहा कि पंजाब को आर्थिक और सामाजिक रूप से मजबूत बनाने के लिए सभी नागरिकों को अवैध गतिविधियों के खिलाफ एकजुट होकर सहयोग करना चाहिए। उन्होंने विश्वास जताया कि सरकार की यह कड़ी नीति राज्य को शराब तस्करी से पूरी तरह मुक्त करने में सफल होगी।
यह कदम पंजाब सरकार के तस्करी और भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रहे व्यापक अभियान का हिस्सा है, जो न केवल राज्य की वित्तीय स्थिति को मजबूत करेगा, बल्कि सामाजिक और आर्थिक संतुलन भी बनाएगा।