आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) द्वारा कथित रूप से वोटरों के पते स्थानांतरित करवाने के मुद्दे पर कार्रवाई की मांग की है। केजरीवाल ने इसे एक “गंभीर चुनावी धांधली” करार दिया और आरोप लगाया कि BJP नेताओं के पते पर बड़ी संख्या में वोटर ट्रांसफर किए जा रहे हैं।
33 वोटर ट्रांसफर का मामला
केजरीवाल ने मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार को लिखे पत्र में बताया कि “33 नए वोट” BJP के प्रत्याशी प्रवेश वर्मा के आधिकारिक पते पर स्थानांतरित करने के लिए आवेदन किए गए हैं। उन्होंने कहा, “क्या हमें यह मान लेना चाहिए कि अचानक एक रात में देश के अलग-अलग हिस्सों से 33 लोग प्रवेश वर्मा के घर में रहने आ गए हैं? यह साफ तौर पर BJP के प्रत्याशी के इशारे पर किया जा रहा है।”
उन्होंने दावा किया कि BJP नेताओं और उनके कार्यालयों के पते पर सैकड़ों नए वोटरों को स्थानांतरित करने की कोशिश की जा रही है।
बीजेपी नेताओं के पते पर वोटर ट्रांसफर के आरोप
केजरीवाल ने कहा कि यह मामला सिर्फ प्रवेश वर्मा तक सीमित नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि “BJP के कई केंद्रीय मंत्री, सांसद और अन्य नेता इस धांधली में शामिल हैं।”
उन्होंने जिन पतों का उल्लेख किया उनमें BJP सांसद सी.पी. जोशी, कमलेश पासवान, पंकज चौधरी, जयप्रकाश, रेबती त्रिपुरा, सतिश कुमार गौतम, मिथिलेश कुमार, चौधरी सिंह तंवर, सी.एम. रमेश, धर्मबीर सिंह, सुरेंद्र सिंह नागर और अन्य के नाम शामिल हैं।
इसके अलावा, उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कई स्थान जैसे मंदिर, छोटी दुकानें, छोटे घर और यहां तक कि कुछ गैर-मौजूद पते भी वोटर ट्रांसफर के लिए इस्तेमाल किए जा रहे हैं। इन पतों पर 9 से 44 वोटरों तक के ट्रांसफर के आवेदन बताए गए हैं।
चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग
केजरीवाल ने चुनाव आयोग से निम्नलिखित कदम उठाने की अपील की:
- संदिग्ध वोटर ट्रांसफर को तुरंत रोका जाए।
- जांच की जाए कि BJP सांसदों और मंत्रियों के पते का दुरुपयोग कैसे और क्यों किया जा रहा है। जिम्मेदार लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाए।
- ऐसे प्रत्याशियों को अयोग्य घोषित किया जाए, जो इस तरह की चुनावी धांधली को बढ़ावा दे रहे हैं।
उन्होंने विशेष रूप से प्रवेश वर्मा का नाम लेते हुए उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
BJP की प्रतिक्रिया का इंतजार
इस मुद्दे पर BJP की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, AAP और BJP के बीच पहले भी एक-दूसरे पर बिना किसी पुख्ता सबूत के चुनावी धांधली और अवैध वोटर पंजीकरण के आरोप लगते रहे हैं।
चुनाव आयोग की प्रक्रिया
किसी भी वोटर का पंजीकरण, स्थानांतरण या विलोपन केवल चुनाव आयोग द्वारा नियुक्त कर्मचारियों द्वारा फील्ड वेरिफिकेशन और राजनीतिक दलों के बूथ-स्तरीय एजेंटों की जानकारी में ही किया जा सकता है। ऐसे में इस कथित धांधली पर चुनाव आयोग द्वारा क्या कदम उठाए जाते हैं, यह देखना महत्वपूर्ण होगा।
अरविंद केजरीवाल द्वारा लगाए गए ये आरोप आगामी चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों के बीच बढ़ते विवादों और तीखे आरोप-प्रत्यारोप को दर्शाते हैं। अब यह चुनाव आयोग पर निर्भर करता है कि वह इस मामले की निष्पक्ष जांच कर इसे सुलझाने के लिए क्या कदम उठाता है।