गुरुद्वारा में पंजाब के नेताओं ने टेका मत्था
मेला माघी के शुभ अवसर पर आज पंजाब विधानसभा के स्पीकर कुलतार संधवां और कई कैबिनेट मंत्री गुरुद्वारा टूटी गंडी साहिब पहुंचे। इन नेताओं ने गुरुद्वारा साहिब में मत्था टेककर राज्य और जनता की भलाई के लिए प्रार्थना की।
इस अवसर पर उनके साथ मंत्री अमन अरोड़ा, कृषि और किसान कल्याण मंत्री गुरमीत सिंह खड़ियां, सामाजिक सुरक्षा और महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर, और संगरूर के सांसद गुरमीत सिंह मीत हेयर भी शामिल थे।
मुख्यमंत्री की मां ने भी की प्रार्थना
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की माता हरपाल कौर ने भी गुरुद्वारा साहिब में प्रार्थना की। उन्होंने इस पवित्र दिन पर गुरु साहिब से सभी के कल्याण और समृद्धि की अरदास की।
सड़कों पर उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब
गुरुद्वारा टूटी गंडी साहिब के लिए जाने वाली सभी सड़कों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली। लोग दूर-दूर से माघी मेले में भाग लेने और मत्था टेकने पहुंचे।
लंगर सेवा दिन-रात जारी
गुरुद्वारा साहिब की ओर जाने वाले सभी रास्तों पर लंगर सेवा 24×7 जारी है। श्रद्धालुओं के लिए भोजन और अन्य सुविधाओं का विशेष प्रबंध किया गया है। यह लंगर सेवा कल से ही जारी है और हज़ारों लोग इसका लाभ उठा रहे हैं।
विशेष घोड़ा मेला का आयोजन
माघी मेले के दौरान घोड़ा मंडी में विशेष घोड़ा मेले का आयोजन भी किया गया। इस मेले में घोड़ों के साथ-साथ अन्य पशु, पक्षी और कई प्रकार की कुत्तों की नस्लें भी लाई गईं। यह मेला देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे।
सुरक्षा के कड़े प्रबंध
मेला माघी के दौरान यातायात को सुचारू रखने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस ने कड़े प्रबंध किए। पुलिस ने गुरुद्वारा और आसपास के इलाकों में यातायात प्रबंधन के लिए विशेष टीमों को तैनात किया।
डीसी और एसएसपी भी रहे मौजूद
इस अवसर पर जिला उपायुक्त राजेश त्रिपाठी, एसएसपी तुषार गुप्ता और जिला योजना बोर्ड के चेयरमैन सुखजिंदर सिंह कौनी भी उपस्थित रहे। उन्होंने मेले में सभी व्यवस्थाओं का जायजा लिया और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए तत्पर दिखाई दिए।
माघी मेले का महत्व
माघी मेला पंजाब के पवित्र मेलों में से एक है। यह मेला 40 मुक्तों की याद में मनाया जाता है जिन्होंने खिदराने की लड़ाई में अपने प्राणों की आहुति दी थी। यह स्थान अब श्री मुक्तसर साहिब के नाम से जाना जाता है। माघी मेले पर हर साल लाखों श्रद्धालु यहां एकत्रित होते हैं।
माघी मेले के दौरान पंजाब के नेता, मुख्यमंत्री की माता और हज़ारों श्रद्धालु गुरुद्वारा टूटी गंडी साहिब पहुंचे। वहां लंगर सेवा और घोड़ा मेले का आयोजन किया गया। पुलिस और प्रशासन ने मेले को सफल और सुरक्षित बनाने के लिए विशेष प्रबंध किए। माघी मेला पंजाब की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का प्रतीक है।