पंजाब और हरियाणा के खनौरी बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन जारी है। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल पिछले 53 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे हैं। उनकी सेहत लगातार बिगड़ रही है। डल्लेवाल का वजन हड़ताल शुरू होने के समय 86 किलो 950 ग्राम था, जो अब घटकर 66 किलो 400 ग्राम रह गया है। उनके समर्थन में खनौरी बॉर्डर पर 111 लोगों ने भी भूख हड़ताल शुरू की है, जो अब तीसरे दिन में प्रवेश कर चुकी है।
डल्लेवाल की मेडिकल रिपोर्ट चिंताजनक
जगजीत सिंह डल्लेवाल की ताजा मेडिकल रिपोर्ट में उनके स्वास्थ्य की गंभीर स्थिति उजागर हुई है। रिपोर्ट के अनुसार, उनके गुर्दे और जिगर से संबंधित टेस्ट का परिणाम 1.75 है, जबकि यह सामान्य स्थिति में 1.00 से कम होना चाहिए। डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि उनकी स्थिति बिगड़ती जा रही है।
इसके अलावा, उनके शरीर में कीटोन बॉडी का स्तर सामान्य 0.02-0.27 के मुकाबले 6.50 से अधिक है। डॉक्टरों का कहना है कि लंबे समय तक भूख हड़ताल से शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी नहीं आई है क्योंकि लाल रक्त कोशिकाओं की औसत उम्र 120 दिन होती है। हालांकि, अन्य स्वास्थ्य संकेतक तेजी से खराब हो रहे हैं।
सरकार पर सवाल उठाए
किसान नेताओं का कहना है कि सरकार उनकी मेडिकल रिपोर्ट के महत्वपूर्ण आंकड़े सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पेश नहीं कर रही है। किसान नेताओं का आरोप है कि सरकार जानबूझकर ऐसे टेस्ट परिणाम दिखा रही है जिनमें गिरावट दिखने में समय लगता है। इससे आंदोलनकारियों को न्याय मिलने में देरी हो रही है।
21 जनवरी को दिल्ली कूच
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने शंभू बॉर्डर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान घोषणा की कि 21 जनवरी को किसान दिल्ली की ओर मार्च करेंगे। इस मार्च में 101 किसानों का जत्था शामिल होगा। पंधेर ने कहा कि केंद्र सरकार बातचीत के मूड में नहीं है, इसलिए आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
प्रधानमंत्री को चेतावनी
पंधेर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक किसानों की सभी मांगें पूरी नहीं होतीं, आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर फसल खरीद की गारंटी देने वाला कानून लागू करने की मांग की। किसान नेताओं का कहना है कि उनकी मांगें देशहित में हैं और उन्हें तुरंत लागू किया जाना चाहिए।
किसानों की दिल्ली कूच की कोशिशें
किसान आंदोलनकारी दिसंबर 2024 में तीन बार दिल्ली की ओर मार्च करने की कोशिश कर चुके हैं। वे 6 दिसंबर, 8 दिसंबर, और 14 दिसंबर को दिल्ली रवाना हुए थे, लेकिन हरियाणा पुलिस ने उन्हें हर बार बैरिकेड्स पर रोक दिया।
आंदोलन का विस्तार
किसानों का यह आंदोलन धीरे-धीरे और व्यापक हो रहा है। खनौरी बॉर्डर पर जुटे किसानों का कहना है कि सरकार उनकी मांगें पूरी करे, अन्यथा आंदोलन का दायरा और बढ़ाया जाएगा।
यह आंदोलन किसानों के हक और कृषि कानूनों के खिलाफ एक लंबे संघर्ष का हिस्सा है। आने वाले दिनों में यह देखना अहम होगा कि सरकार और किसान नेताओं के बीच कोई समाधान निकलता है या नहीं।