डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने जा रहे हैं। उनके सत्ता में लौटने की खबर से भारतीय H-1B वीजा धारकों में चिंता बढ़ गई है। ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान इमिग्रेशन नीतियों में सख्ती के कारण H-1B वीजा धारकों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा था। अब, उनकी वापसी से यह आशंका है कि इमिग्रेशन नीतियां और सख्त हो सकती हैं।
वीजा धारकों को दी जा रही विशेष सलाह
अमेरिकी कंपनियां और इमिग्रेशन वकील भारतीय वीजा धारकों को सलाह दे रहे हैं कि वे ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान अंतरराष्ट्रीय यात्रा से बचें। उन्हें डर है कि ट्रंप अपने कार्यकाल के पहले दिन ही कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं।
हालांकि, हाल ही में अमेरिकी दूतावास ने घोषणा की है कि H-1B वीजा धारकों को वीजा रिन्यूअल के लिए अब अमेरिका छोड़ने की आवश्यकता नहीं होगी। पहले, भारतीय कर्मचारियों को वीजा नवीनीकरण के लिए भारत आना पड़ता था और दूतावास जाकर प्रक्रिया पूरी करनी होती थी। अब, वीजा नवीनीकरण कार्यक्रम इसी साल अमेरिका में ही शुरू किया जा सकता है, जिससे लाखों भारतीयों को राहत मिलेगी।
इमिग्रेशन नीतियों से बचने के लिए रिमोट हायरिंग
द स्ट्रेट्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी कंपनियां और कानूनी प्रतिनिधि भारतीय वीजा धारकों को ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान यात्रा से बचने की सलाह दे रहे हैं। इसके साथ ही, वीजा से जुड़ी अनिश्चितताओं से बचने के लिए कई अमेरिकी कंपनियों ने रिमोट हायरिंग शुरू कर दी है।
भारतीय सबसे अधिक H-1B वीजा धारक
H-1B वीजा कार्यक्रम 1990 में शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य विज्ञान, तकनीक, इंजीनियरिंग और गणित (STEM) क्षेत्रों में काम करने वाले पेशेवरों की कमी को पूरा करना है। 2023 में, भारत के 2,78,148 लोगों को H-1B वीजा मिला या उनका वीजा नवीनीकरण हुआ, जो कुल वीजा का 72% है।
H-1B वीजा के जरिए बड़ी संख्या में भारतीय कर्मचारी गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और एपल जैसी प्रमुख तकनीकी कंपनियों में काम करते हैं। लेकिन ट्रंप की नीतियों के चलते वीजा प्रक्रिया में सख्ती और अनिश्चितता ने इन कर्मचारियों में तनाव का माहौल पैदा कर दिया है।
ट्रंप की वापसी से भारतीय समुदाय में चिंता
H-1B वीजा धारकों में मेक्सिको के बाद भारतीय समुदाय का दूसरा सबसे बड़ा हिस्सा है। ट्रंप के पहले कार्यकाल में इमिग्रेशन नीतियों को लेकर कई विवाद हुए थे। अब, उनकी वापसी के साथ भारतीय कर्मचारियों और उनके परिवारों को इमिग्रेशन प्रक्रियाओं को लेकर नई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
आने वाले बदलाव और चुनौतियां
विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप प्रशासन की नई नीतियां H-1B वीजा धारकों पर गहरा प्रभाव डाल सकती हैं। इस बीच, भारतीय वीजा धारकों और अमेरिकी कंपनियों को नई नीतियों के अनुरूप खुद को ढालने के लिए तैयार रहना होगा।
H-1B वीजा धारक भारतीय पेशेवरों के लिए यह समय बेहद महत्वपूर्ण है। उनकी निगाहें अब ट्रंप प्रशासन की नई नीतियों पर टिकी हैं। आने वाले समय में ये नीतियां उनके करियर और जीवन पर बड़ा असर डाल सकती हैं।