भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अंतरिक्ष विज्ञान में नया इतिहास रचते हुए ‘स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट’ (स्पेडेक्स) के तहत दो उपग्रहों की सफल डॉकिंग को अंजाम दिया। यह उपलब्धि 16 जनवरी 2025 को सुबह पूरी हुई। इसके साथ, भारत अंतरिक्ष में दो स्पेसक्राफ्ट को सफलतापूर्वक जोड़ने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है। अब तक यह कारनामा केवल रूस, अमेरिका और चीन ने ही किया था। इसरो ने इस ऐतिहासिक पल का वीडियो जारी कर पूरी दुनिया को दिखाया है, जिसमें ‘चेजर’ और ‘टारगेट’ उपग्रहों के जुड़ने का अद्भुत दृश्य दिखाया गया है।
डॉकिंग तकनीक के फायदे
स्पेस डॉकिंग तकनीक भारत के भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इस सफलता से चंद्रयान-4, गगनयान, अंतरिक्ष स्टेशन की स्थापना और चंद्रमा पर अंतरिक्ष यात्रियों को उतारने जैसे महत्वाकांक्षी मिशनों को सुगमता मिलेगी। डॉकिंग के बाद दोनों उपग्रहों पर एक वस्तु के रूप में सफल नियंत्रण स्थापित किया गया।
अंतरिक्ष स्टेशन की दिशा में बढ़ते कदम
भारत सरकार ने पिछले साल 2035 तक अपना अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने का लक्ष्य रखा था। स्पेडेक्स जैसी सफलताएं इस दिशा में मील का पत्थर साबित हो रही हैं। ISRO प्रमुख वी. नारायणन ने मिशन को सफल बनाने वाली टीम को बधाई दी और इसे भारत की अंतरिक्ष प्रगति का नया अध्याय बताया।
दुनियाभर में भारत की तारीफ
ISRO की इस ऐतिहासिक उपलब्धि को दुनियाभर में सराहा जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह तकनीक अंतरिक्ष विज्ञान में भारत की स्थिति को और मजबूत करेगी। देशभर में भी लोग इस पर गर्व कर रहे हैं। इसरो की यह सफलता भारत को वैश्विक अंतरिक्ष अभियानों में एक अग्रणी स्थान पर स्थापित कर रही है।