आम आदमी पार्टी (AAP) की डॉक्यूमेंट्री के प्रिव्यू को लेकर रविवार को बड़ा विवाद हुआ। गोदावरी ऑडिटोरियम में डॉक्यूमेंट्री रिलीज़ का कार्यक्रम प्रस्तावित था, लेकिन बढ़ते विवाद के बाद ऑडिटोरियम प्रशासन ने इसे रद्द कर दिया। दिल्ली पुलिस और चुनाव आयोग के अधिकारी भी गोदावरी ऑडिटोरियम के बाहर पहुंच गए, जिससे माहौल और गर्म हो गया।
चुनाव आयोग के फ्लाइंग स्क्वॉड ने इस कार्यक्रम को रोकने के लिए कदम उठाया। आप सांसद संजय सिंह को भी फ्लाइंग स्क्वॉड ने रोक दिया। इस पर संजय सिंह ने नाराज़गी जाहिर करते हुए पूछा कि किस नियम के तहत उन्हें रोका जा रहा है। उन्होंने कहा, “अगर अनुमति रद्द की गई है, तो उसके लिए कागज दिखाएं।”
दिल्ली में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct) लागू है। इस दौरान किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम के लिए चुनाव आयोग और रिटर्निंग ऑफिसर की अनुमति आवश्यक होती है। पुलिस का कहना है कि इस नियम का उल्लंघन हुआ है, जबकि आप पार्टी इस आरोप को खारिज कर रही है।
संजय सिंह का धरना और बयान
संजय सिंह इस मामले में गोदावरी ऑडिटोरियम की सीढ़ियों पर धरने पर बैठ गए। उन्होंने कहा, “हमारे पास अनुमति है, लेकिन चुनाव आयोग और पुलिस इसे रद्द कर रही है। मैं पूछता हूं कि इस डॉक्यूमेंट्री को रोकने की कोशिश क्यों हो रही है? यह साफ है कि बीजेपी डर गई है।”
संजय सिंह ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि यह डॉक्यूमेंट्री रोकने की कार्रवाई उनकी घबराहट का प्रमाण है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी लोकतंत्र की आवाज़ दबाने का प्रयास कर रही है।
डॉक्यूमेंट्री पर रोक और राजनीतिक आरोप
आप पार्टी का कहना है कि डॉक्यूमेंट्री सिर्फ उनकी पार्टी की यात्रा और उपलब्धियों को दिखाने का एक प्रयास है। लेकिन बीजेपी और प्रशासन इसे रोकने की कोशिश कर रहे हैं। संजय सिंह ने सवाल उठाया, “बीजेपी इस डॉक्यूमेंट्री से इतनी घबराई हुई क्यों है? अगर इसमें कुछ गलत नहीं है, तो इसे रोकने की क्या जरूरत है?”
दूसरी ओर, बीजेपी ने इस पूरे मामले पर पलटवार करते हुए कहा कि आप पार्टी चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन कर रही है। बीजेपी नेताओं ने आरोप लगाया कि आप पार्टी चुनाव प्रचार के लिए नियमों को तोड़ रही है और बिना अनुमति के कार्यक्रम आयोजित कर रही है।
गोदावरी ऑडिटोरियम में विवाद
डॉक्यूमेंट्री की रिलीज़ का कार्यक्रम गोदावरी ऑडिटोरियम में प्रस्तावित था। लेकिन विवाद के बाद ऑडिटोरियम प्रशासन ने कार्यक्रम को कैंसिल कर दिया। पुलिस और चुनाव आयोग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। पुलिस का कहना है कि बिना अनुमति के कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जा सकता।
क्या है आगे का रास्ता?
आम आदमी पार्टी इस विवाद को लेकर अब चुनाव आयोग और प्रशासन पर सवाल उठा रही है। पार्टी का कहना है कि वे जनता के सामने सच लाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सरकार और प्रशासन उन्हें रोक रहे हैं।
संजय सिंह ने यह भी कहा कि पार्टी इस मुद्दे को लेकर चुनाव आयोग और अदालत का दरवाजा खटखटाएगी। अब देखना यह है कि यह मामला कितना आगे बढ़ता है और क्या डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग हो पाएगी।
डॉक्यूमेंट्री स्क्रीनिंग पर यह विवाद सिर्फ एक कार्यक्रम तक सीमित नहीं है, बल्कि यह दिल्ली चुनाव के माहौल को गर्माने का संकेत भी है। दोनों पार्टियां इस मुद्दे पर आमने-सामने हैं, और इसका असर आगामी चुनावी नतीजों पर पड़ सकता है।