इजराइल और हमास के बीच संघर्ष विराम समझौते का पहला चरण रविवार को शुरू हो गया। गाजा के स्थानीय समय के अनुसार, यह समझौता सुबह 11:15 बजे शुरू हुआ, जबकि पहले इसे सुबह 6:30 बजे जीएमटी (ग्रोमिंग मिडल टाइम) के हिसाब से शुरू होना था। यह देरी तकनीकी और क्षेत्रीय कारणों से हुई। इससे पहले, इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने स्पष्ट किया था कि गाजा में सीजफायर तब तक लागू नहीं होगा, जब तक हमास उनके देश को बंधकों की सूची नहीं देगा, जिसे वह पहले चरण में रिहा करेगा। हमास ने भी इस समझौते के पहले चरण को लागू करने का वादा किया है, और इसका कहना है कि देरी सिर्फ तकनीकी कारणों से हुई है।
समझौते में क्या तय हुआ है?
इजराइल और हमास के बीच समझौते के अनुसार, युद्ध विराम का पहला चरण 42 दिनों तक चलेगा। इस दौरान हमास के लड़ाके इजरायल के 98 बंधकों में से 33 को रिहा करेंगे। इसके बदले में, इजराइल 737 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा। बंधकों और कैदियों के आदान-प्रदान के लिए तीन प्रमुख पॉइंट्स तय किए गए हैं – केरिम शालोम, एरेज़, और रीम। इन पॉइंट्स पर डॉक्टर्स और मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ मौजूद होंगे, जो रिहा होने वाले लोगों की स्वास्थ्य जांच करेंगे।
समझौते के मुताबिक, इन 42 दिनों में इजरायली सेना गाजा के घनी आबादी वाले इलाकों से धीरे-धीरे पीछे हटने लगेगी। जब तक सभी इजरायली बंधक पूरी तरह से रिहा नहीं हो जाते, तब तक इजरायली सैनिक गाजा से पूरी तरह नहीं हटेंगे। इन इलाकों से सेना हटने के बाद, वहां के निवासी अपने घरों में लौट सकेंगे। समझौते के पहले चरण के 16वें दिन से दूसरे चरण की बातचीत शुरू होगी।
इजरायली सेना की तैयारियां
इजरायली रक्षा बल (आईडीएफ) ने गाजा सीमा के पास बंधकों को रिसीव करने के लिए तीन कैंप स्थापित किए हैं। ये कैंप रीम बेस, केरेम शालोम क्रॉसिंग और एरेज़ क्रॉसिंग पर तैयार किए गए हैं। यहां बंधकों को डॉक्टरों, मनोवैज्ञानिकों और मानसिक स्वास्थ्य अधिकारियों से प्राथमिक उपचार दिया जाएगा। इन कैंपों में आईडीएफ के प्रतिनिधि भी मौजूद होंगे, जो बंधकों का स्वास्थ्य परीक्षण करेंगे और उनकी मदद करेंगे।
आगे की प्रक्रिया
समझौते के दूसरे चरण के लिए बातचीत 42 दिनों के पहले चरण के बाद शुरू होगी। अगर सब कुछ योजना के अनुसार चलता है, तो दूसरे चरण में और अधिक बंधकों की रिहाई हो सकती है और गाजा में संघर्ष विराम को स्थायी बनाने के लिए और कदम उठाए जा सकते हैं। इस समय यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि दोनों पक्ष इस समझौते को किस हद तक लागू करते हैं और क्या यह लंबी अवधि के लिए शांति लाने में सफल हो पाएगा या नहीं।
यह समझौता दोनों पक्षों के लिए महत्वपूर्ण कदम हो सकता है, क्योंकि इससे गाजा में संघर्ष में कमी आ सकती है और बंधकों की रिहाई के साथ-साथ गाजा के नागरिकों को भी राहत मिल सकती है।