पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से मौसम में बदलाव
मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि पश्चिमी विक्षोभ एक बार फिर सोमवार देर रात से सक्रिय होने वाला है। इसके कारण 21 जनवरी को पश्चिमी हिमालयी क्षेत्रों में बारिश और बर्फबारी की संभावना है। पश्चिमी हवाओं का ट्रफ जब बंगाल की खाड़ी से आने वाली दक्षिण-पूर्वी हवाओं के साथ मिलता है, तो यह बारिश और बर्फबारी की स्थिति को और अधिक सक्रिय करता है। पूर्वानुमान के अनुसार, 21 से 23 जनवरी के दौरान उत्तर-पश्चिमी मैदानी इलाकों जैसे पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, और 22 जनवरी को राजस्थान में बारिश हो सकती है। 22 और 23 जनवरी को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में गरज के साथ बारिश होगी, जबकि उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में 23 जनवरी को भारी बर्फबारी की आशंका है।
तापमान में वृद्धि और कोहरे का कहर
पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से उत्तर-पश्चिमी मैदानी क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान में 5 डिग्री तक की बढ़ोतरी होने की संभावना है। हालांकि, मध्य भारत में न्यूनतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा। इसके साथ ही पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, और राजस्थान के कुछ हिस्सों में 20 और 21 जनवरी को घने कोहरे का प्रकोप रहेगा। बिहार और ओडिशा के अलग-अलग इलाकों में भी रात से सुबह तक कोहरा छाए रहने की संभावना है। वहीं, मध्य प्रदेश, सिक्किम, असम, मेघालय, और पूर्वोत्तर राज्यों जैसे नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में 22 जनवरी तक कोहरे से राहत की उम्मीद नहीं है।
सर्दी का असर कम और वसंत का अहसास
उत्तर भारत में मौसम का मिजाज तेजी से बदल रहा है। चटख धूप और हल्की हवा के कारण वसंत का एहसास होने लगा है। ठंडक में कमी के साथ सुबह के समय घने कोहरे ने जरूर कुछ हिस्सों में परेशानी पैदा की। दिल्ली में रविवार सुबह कोहरे के कारण 41 ट्रेनें प्रभावित हुईं। हालांकि, पश्चिमी हिमालयी राज्यों में अगले दो दिनों तक बारिश के बावजूद सर्दी बढ़ने के आसार नहीं हैं। मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों तक न्यूनतम तापमान में 2-3 डिग्री तक की बढ़ोतरी का अनुमान लगाया है।
इस प्रकार, पश्चिमी विक्षोभ के कारण मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा, लेकिन ठंड में कोई खास इजाफा नहीं होगा।