पंजाब के कृषि और किसान कल्याण मंत्री स. गुरमीत सिंह ख़ुड्डीयां ने राज्य में कृषि विभाग की योजनाओं और कार्यक्रमों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उन्होंने सभी मुख्य कृषि अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे प्रत्येक पंद्रह दिन के बाद योजनाओं की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करें। इस प्रणाली का उद्देश्य केंद्र और राज्य सरकार की कृषि योजनाओं की नियमित निगरानी और मूल्यांकन करना है ताकि समय पर आवश्यक सुधार किए जा सकें।
किसानों के लिए गुणवत्तापूर्ण कृषि उत्पाद सुनिश्चित करने का प्रयास
मंत्री ने किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीज, कीटनाशक और खाद उपलब्ध कराने के लिए फील्ड स्टाफ को नमूने लेने के लक्ष्यों को समय पर पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि गुणवत्ता नियंत्रण अभियान के तहत 6100 बीज, 4800 कीटनाशक और 3700 खाद नमूनों का लक्ष्य रखा गया था। अब तक 5082 बीज, 2867 कीटनाशक और 2473 खाद नमूने लिए जा चुके हैं।
गुणवत्ता परीक्षण में असफल नमूनों पर कार्रवाई
गुणवत्ता परीक्षण में 141 बीज नमूने, 81 कीटनाशक और 78 खाद नमूने फेल पाए गए हैं। मंत्री ने बताया कि इन मानकों पर खरे न उतरने वाले डीलरों और फर्मों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जा रही है। यह कदम राज्य के किसानों को सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण कृषि उत्पाद उपलब्ध कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
कृषि योजनाओं की समीक्षा बैठक
किसान भवन में आयोजित बैठक में मुख्य कृषि अधिकारियों के साथ समीक्षा करते हुए मंत्री ने कहा कि योजनाओं की सफलता के लिए नियमित रिपोर्टिंग और पारदर्शिता आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि विभाग द्वारा शुरू की गई पखवाड़ा रिपोर्टिंग प्रणाली से विभाग में जवाबदेही बढ़ेगी और किसानों को बेहतर सेवाएं मिलेंगी।
फंड के सही उपयोग और प्रमाणपत्र की आवश्यकता
कृषि योजनाओं की मौजूदा स्थिति की समीक्षा करते हुए मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे फंडों का सही ढंग से उपयोग सुनिश्चित करें और चालू वित्तीय वर्ष समाप्त होने से पहले सक्षम अधिकारियों से उपयोग प्रमाणपत्र जमा करें। इससे सरकारी फंड का बेहतर और अधिक प्रभावी उपयोग सुनिश्चित होगा।
किसानों की भलाई के लिए प्रतिबद्धता
स. गुरमीत सिंह ख़ुड्डीयां ने विभाग के सामने आने वाली चुनौतियों और उपलब्धियों को समझने और सुधारात्मक कदम उठाने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता राज्य के किसानों को समर्थन और उनके लिए लाभकारी योजनाएं लागू करना है। उन्होंने यह भी दोहराया कि केंद्र और राज्य सरकार की सभी कृषि योजनाओं को पारदर्शी और प्रभावी तरीके से लागू किया जाएगा, जिससे राज्य के किसानों को सीधा लाभ मिलेगा।
विभागीय कार्यों में सुधार की पहल
पखवाड़ा रिपोर्टिंग प्रणाली और गुणवत्ता नियंत्रण मुहिम जैसे कदम विभागीय कार्यक्षमता में सुधार लाने के लिए उठाए गए हैं। इन प्रयासों से न केवल कृषि विभाग में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी, बल्कि राज्य के किसानों को दी जाने वाली सेवाओं की गुणवत्ता भी सुनिश्चित होगी।