दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा चुनाव के बीच मिडिल क्लास को साधने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने केंद्र सरकार से मिडिल क्लास को राहत देने के लिए 7 प्रमुख मांगें रखी हैं और इसे मिडिल क्लास के लिए उनका मेनिफेस्टो बताया है। केजरीवाल का कहना है कि उनकी पार्टी देश में पहली बार मिडिल क्लास के लिए एक मेनिफेस्टो जारी कर रही है, हालांकि इसमें कोई नया वादा नहीं किया गया कि अगर दिल्ली में उनकी सरकार चौथी बार बनती है, तो मिडिल क्लास को और क्या राहत मिलेगी।
उन्होंने अपनी मौजूदा योजनाओं का हवाला देते हुए बताया कि इन योजनाओं के माध्यम से मिडिल क्लास को राहत दी गई है। अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार से जो 7 मांगें की हैं, उनमें प्रमुख रूप से शिक्षा और स्वास्थ्य के बजट में वृद्धि, प्राइवेट स्कूलों की फीस पर नियंत्रण, इनकम टैक्स छूट सीमा को बढ़ाना, और सीनियर सिटीजन के लिए पेंशन योजनाओं की स्थापना शामिल हैं।
उनकी पहली मांग है कि शिक्षा का बजट 2 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत किया जाए और पूरे देश में प्राइवेट स्कूलों की फीस पर कड़ी निगरानी रखी जाए। इसके अलावा, उच्च शिक्षा के लिए सब्सिडी और स्कॉलरशिप देने की भी उन्होंने मांग की है। स्वास्थ्य के बजट को भी 10 प्रतिशत तक बढ़ाने की उनकी योजना है और हेल्थ इंश्योरेंस पर लगाए गए टैक्स को हटाने की बात भी की गई है।
केजरीवाल की तीसरी मांग है कि इनकम टैक्स छूट सीमा को कम से कम 10 लाख रुपये किया जाए, जिससे मिडिल क्लास पर टैक्स का बोझ कम हो सके। इसके अलावा, आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी खत्म करने, सीनियर सिटीजन के लिए बेहतर पेंशन योजनाओं का निर्माण, और देशभर के अस्पतालों में मुफ्त इलाज की व्यवस्था करने की भी उन्होंने मांग की है। बुजुर्गों को रेलवे में मिलने वाली 50 प्रतिशत छूट को फिर से लागू करने का भी उन्होंने प्रस्ताव रखा है।
अरविंद केजरीवाल ने मिडिल क्लास के मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि देश की किसी भी पार्टी ने मिडिल क्लास के लिए कुछ नहीं किया है। उन्होंने कहा, “मिडिल क्लास के लिए कोई भी पार्टी बात करने के लिए तैयार नहीं है। एक के बाद दूसरी सरकार आई और सबने मिडिल क्लास को दबाकर, निचोड़कर रखा है। मिडिल क्लास सरकार के लिए एटीएम बनकर रह गया है।”
उन्होंने यह भी कहा कि मिडिल क्लास के लोग पूरे जीवन भर मेहनत करते हैं ताकि उन्हें और उनके परिवार को अच्छी नौकरी, शिक्षा और स्वास्थ्य मिल सके। लेकिन सरकारें ना तो अच्छे स्कूल बना रही हैं, ना अस्पतालों में इलाज उपलब्ध करा रही हैं, और ना ही रोजगार के अवसर प्रदान कर रही हैं। केजरीवाल ने यह भी कहा कि मिडिल क्लास टैक्स के बोझ तले दबा हुआ है, और अगर कोई साल में 12 लाख रुपये कमाता है, तो उसे आधे से ज्यादा टैक्स के रूप में देना पड़ता है।
इस पूरे बयान में केजरीवाल ने मिडिल क्लास के लिए राहत देने की आवश्यकता पर जोर दिया है, और उनकी मांगों को लेकर देशभर में चर्चा हो रही है।