केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली में विधानसभा चुनाव का माहौल गरम है, वहीं उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव भी सुर्खियां बटोर रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि इन दोनों चुनावों में सपा और कांग्रेस की रणनीति बिल्कुल अलग-अलग नजर आ रही है।
मिल्कीपुर में कांग्रेस ने सपा को दिया समर्थन
उत्तर प्रदेश के मिल्कीपुर उपचुनाव में कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार खड़े नहीं किए हैं और समाजवादी पार्टी (सपा) को समर्थन दे रही है। यह कदम विपक्षी दलों के बीच सहयोग और एकता का संकेत देता है। कांग्रेस का यह फैसला विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया ब्लॉक’ के तहत लिया गया है, जिसे आगामी लोकसभा चुनावों से पहले विपक्ष की मजबूती के लिए तैयार किया गया है।
दिल्ली में सपा-आप का मजबूत गठजोड़
मिल्कीपुर में कांग्रेस का समर्थन पाने वाली सपा, दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के साथ मंच साझा करने का ऐलान किया है। दोनों नेता 30 जनवरी को दिल्ली में एक संयुक्त रैली को संबोधित करेंगे। यह रैली न केवल सपा और आप के संबंधों को मजबूत करेगी बल्कि विपक्षी दलों के बीच तालमेल की झलक भी पेश करेगी।
सपा सांसद भी करेंगे आप का प्रचार
सपा के नेता दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी का प्रचार करने के लिए सक्रिय हो गए हैं। उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा सीट से सांसद इकरा हसन सहित सपा के कई अन्य सांसद दिल्ली में आप उम्मीदवारों के समर्थन में प्रचार करेंगे। सपा प्रमुख अखिलेश यादव के इस कदम से दोनों दलों के बीच संबंध और प्रगाढ़ होने की उम्मीद है।
दिल्ली में कांग्रेस और आप आमने-सामने
दिल्ली में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी और कांग्रेस एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव मैदान में हैं। हाल ही में हुए आम चुनाव में दोनों दलों ने दिल्ली की सात लोकसभा सीटों पर गठबंधन कर लड़ाई लड़ी थी। आम आदमी पार्टी ने चार सीटों पर और कांग्रेस ने तीन सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। हालांकि, इस गठबंधन के बावजूद बीजेपी ने सातों सीटें जीत लीं। विधानसभा चुनाव में इन दोनों दलों के बीच गठबंधन टूटने से राजनीतिक समीकरण बदल गए हैं।
इंडिया ब्लॉक और क्षेत्रीय राजनीति के समीकरण
सपा और आम आदमी पार्टी, दोनों ‘इंडिया ब्लॉक’ का हिस्सा हैं, लेकिन दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और आप के बीच सीधा मुकाबला है। मिल्कीपुर में कांग्रेस का सपा को समर्थन और दिल्ली में सपा का आप के साथ खड़ा होना, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय राजनीति के बदलते समीकरणों को दर्शाता है।
राजनीतिक विश्लेषण
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सपा-आप की यह नजदीकी, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के बाहर भी विपक्षी दलों को एकजुट करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है। लेकिन, दिल्ली में कांग्रेस और आप के बीच चुनावी टकराव ‘इंडिया ब्लॉक’ की एकता के लिए चुनौती भी पेश कर सकता है।
अब देखना यह है कि दिल्ली और मिल्कीपुर में यह चुनावी समीकरण क्या रंग लाते हैं और मतदाता किसे अपना समर्थन देते हैं।