पंजाब और चंडीगढ़ के लोगों को आने वाले छह दिनों तक घने कोहरे और ठंडी लहर से राहत मिलने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार, एक पश्चिमी विक्षोभ (वेस्टर्न डिस्टर्बेंस) सक्रिय हो रहा है, जिससे 31 जनवरी से 3 फरवरी के बीच पंजाब के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश हो सकती है।
तापमान में बढ़ोतरी, ठंड से राहत
पिछले 24 घंटों में अधिकतम तापमान में लगभग 1 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जो सामान्य तापमान से 3.9 डिग्री अधिक है। फरीदकोट में सबसे अधिक 27.6 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया गया, जिससे लोगों को ठंड से कुछ राहत मिली। हालांकि, न्यूनतम तापमान की बात करें तो फाजिल्का सबसे ठंडा रहा, जहाँ तापमान 2.4 डिग्री दर्ज किया गया।
मोहाली में न्यूनतम तापमान 7.9 डिग्री और चंडीगढ़ में 7.2 डिग्री दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार, बीते 24 घंटों में न्यूनतम तापमान में 0.7 डिग्री की बढ़ोतरी हुई है और इसके आगे भी बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। तापमान बढ़ने से जहाँ लोगों को राहत मिली है, वहीं किसानों की चिंताएँ बढ़ गई हैं।
गेहूं की फसल के लिए बढ़ता तापमान खतरनाक
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, तापमान में हो रही वृद्धि गेहूं की फसल के लिए नुकसानदायक हो सकती है। यदि तापमान इसी तरह बढ़ता रहा, तो गेहूं के दाने समय से पहले पक सकते हैं, जिससे उनकी गुणवत्ता प्रभावित होगी और उत्पादन में गिरावट आ सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि ज्यादा गर्मी से गेहूं के दाने सिकुड़ सकते हैं, जिससे झाड़ (फसल उत्पादन) कम हो सकता है। हालांकि, राहत की बात यह है कि रात की ठंड अभी भी बनी हुई है, जो फसल के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।
पंजाब में गेहूं की खेती और उत्पादन
पंजाब हर साल केंद्रीय पूल में 120 से 130 लाख मीट्रिक टन गेहूं की आपूर्ति करता है। इस साल राज्य में लगभग 1 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं की बुवाई हुई है। लेकिन पिछले दो वर्षों से तापमान में हो रही बढ़ोतरी के कारण फसल को नुकसान झेलना पड़ा है।
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि अगर फरवरी में हल्की बारिश होती है और तापमान ज्यादा नहीं बढ़ता, तो फसल को नुकसान से बचाया जा सकता है। सरकार और किसान मिलकर मौसम के इस बदलाव पर नजर बनाए हुए हैं, ताकि समय रहते जरूरी कदम उठाए जा सकें।
आने वाले दिनों में कैसा रहेगा मौसम?
मौसम विभाग के अनुसार, 31 जनवरी से 3 फरवरी के बीच पश्चिमी विक्षोभ के कारण हल्की बारिश हो सकती है, जिससे तापमान में थोड़ी गिरावट आ सकती है। यदि ऐसा हुआ, तो यह गेहूं की फसल के लिए राहत भरी खबर होगी। हालांकि, लगातार बढ़ते तापमान को देखते हुए किसानों को सतर्क रहने की जरूरत है।