नई दिल्ली: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर मांग की है कि सरकार बड़े उद्योगपतियों और अमीर लोगों का कर्ज माफ न करे। उन्होंने सुझाव दिया कि अगर कर्ज माफी करनी है, तो किसानों के कर्ज और मध्य वर्ग के होम लोन माफ किए जाएं, जिससे आम जनता को सीधा फायदा मिल सके।
कर्ज़ा माफ न होने पर टैक्स दरें हो सकती हैं आधी – केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल ने अपने पत्र में दावा किया कि अगर सरकार बड़े उद्योगपतियों का कर्ज माफ करने की नीति को खत्म कर दे, तो देश में टैक्स दरों को आधा किया जा सकता है। उन्होंने कहा, “मैंने हिसाब लगाया है कि यदि कर्ज माफ न किया जाए, तो टैक्स की दरें आधी की जा सकती हैं। एक व्यक्ति जो सालाना 12 लाख रुपये कमाता है, वह अपनी मेहनत की कमाई का एक बड़ा हिस्सा टैक्स में दे देता है। यह मध्य वर्ग की सबसे बड़ी समस्या है।”
केजरीवाल ने अपने पत्र में सवाल उठाया कि सरकार आम आदमी पर अधिक कर लगाती है, जबकि अमीरों का कर्ज माफ कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार को कर्ज माफ करना ही है, तो गरीब किसानों और होम लोन चुकाने वाले मध्यम वर्गीय लोगों को राहत दी जानी चाहिए।
दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी AAP
दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर सभी राजनीतिक दल पूरी ताकत झोंक रहे हैं। आम आदमी पार्टी भी दोबारा सत्ता में वापसी के लिए पूरी मेहनत कर रही है। हाल ही में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी तीन दिनों तक दिल्ली में चुनाव प्रचार किया, और अब उनकी पत्नी डॉ. गुरप्रीत कौर भी प्रचार अभियान में सक्रिय हो गई हैं।
केजरीवाल के इस पत्र को चुनावी राजनीति से भी जोड़कर देखा जा रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि आम आदमी पार्टी इस मुद्दे को जनता के बीच ले जाकर मध्यम वर्ग के समर्थन को मजबूत करना चाहती है।
क्या मोदी सरकार देगी जवाब?
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पत्र पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं। क्या केंद्र सरकार इस मांग को स्वीकार करेगी या इसे केवल चुनावी रणनीति करार देगी? आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर राजनीतिक बयानबाज़ी और तीखी बहस देखने को मिल सकती है।
जनता की नजरें अब आगामी विधानसभा चुनावों पर टिकी हैं, जहां यह फैसला होगा कि दिल्ली के ताज का हकदार कौन बनेगा।