यमुना जल को लेकर सियासी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यमुना में मिलाए जा रहे जहरीले पदार्थों के आरोप के बाद अब कार्रवाई की आशंका जताई है। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें दिल्ली की जनता को स्वच्छ पानी मुहैया कराने और भारतीय लोकतंत्र की रक्षा करने के लिए कोई असंवैधानिक सजा दी जाती है, तो वह उसका स्वागत करेंगे।
केजरीवाल का यह बयान चुनाव आयोग के सक्रिय होने के बीच आया है। दरअसल, कुछ दिन पहले ही केजरीवाल ने दावा किया था कि हरियाणा की सरकार यमुना नदी के पानी में जहर मिला रही है, जिससे दिल्ली के नागरिकों की सेहत पर गंभीर संकट मंडरा रहा है। उनका आरोप था कि यह कदम दिल्ली के जल आपूर्ति में संकट पैदा कर सकता है और लोगों को स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
इस संदर्भ में केजरीवाल ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, “चुनाव आयोग ने मुझे नोटिस भेजा है, लेकिन नोटिस में इस्तेमाल की गई भाषा से यह संकेत मिलता है कि आयोग पहले ही अपनी कार्रवाई तय कर चुका है।” उन्होंने आगे कहा कि यह विवाद ‘संदेशवाहक को निशाना बनाने’ जैसा लग रहा है और आयोग इस मामले में उनकी आवाज को दबाने की कोशिश कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि आयोग ने जो कदम उठाए हैं, वे केवल उन्हें सजा देने और लोकतांत्रिक आवाज को दबाने के उद्देश्य से हैं। केजरीवाल ने कहा कि वह दिल्ली के लोगों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं और अगर उनके खिलाफ कोई असंवैधानिक निर्णय लिया जाता है, तो वे उसका मुकाबला करेंगे।
इससे पहले, केजरीवाल ने हरियाणा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे कि वे जानबूझकर यमुना नदी के पानी में जहरीले रसायन मिला रहे हैं, जिससे दिल्ली के लोगों का स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि यह कार्रवाई पूरी दिल्ली के पानी की गुणवत्ता को खराब कर सकती है और इसके परिणामस्वरूप दिल्लीवासियों को गंभीर स्वास्थ्य संकट का सामना करना पड़ेगा।
इस बीच, इस मुद्दे पर हरियाणा सरकार की ओर से कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, यह मामला सियासी विवाद को और तूल देने के संकेत दे रहा है, जिसमें दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।